किरण माहेश्वरी के उच्च शिक्षा मंत्री बनने के बाद बजट घोषणा को अमली जामा पहनाने की शुरुआत हुई। सबसे पहले सरकार ने बीटीयू का कार्यक्षेत्र तय किया। जिसमें सरकार ने छह महीने पहले बीकानेर और जोधपुर संभाग के साथ-साथ नागौर, अजमेर , अलवर, सीकर और झुंझुनूं के ३७ इंजीनियरिंग, ३० एमबीए और ९ एमसीए कॉलेजों को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय से अलग कर नए विश्वविद्यालय से संबंद्ध कर दिया।
इरादों से मिलती है सफलता : प्रो. चारण
किसी भी संस्थान के लिए इमारत का स्वरूप अहम होता है, लेकिन एक विश्वविद्यालय और उसमें पढऩे वाले छात्रों के लिए इससे भी अहम होता है अच्छी पढ़ाई और सफलता का इरादा। बीटीयू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बेहतर पढ़ाई के लिए पहचानी जाएगी।
किसी भी संस्थान के लिए इमारत का स्वरूप अहम होता है, लेकिन एक विश्वविद्यालय और उसमें पढऩे वाले छात्रों के लिए इससे भी अहम होता है अच्छी पढ़ाई और सफलता का इरादा। बीटीयू अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी बेहतर पढ़ाई के लिए पहचानी जाएगी।
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के संस्थापक कुलपति प्रो. एचडी चारण ने राजस्थान पत्रिका के साथ अपनी भावी योजनाएं साझा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि जुलाई से विश्वविद्यालय को पहला बैच मिलेगा। पहले बैच से ही बच्चों को क्या पढ़ाना है यह हमें तय करना होगा।
बैठने तक के लिए जगह नहीं
सरकार ने कुलसचिव और वित्त नियंत्रक की नियुक्ति कर दी, लेकिन विवि के लिए जमीन तक चिह्नित नहीं होने के कारण फिलहाल बीकानेर राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में ही बीटीयू का अस्थाई कार्यालय बनाया गया है। हालांकि यहां नवनियुक्तअधिकारियों के बैठने के कमरे तक तय नहीं होने के कारण दोनों अधिकारी फिलहाल जयपुर से ही काम चला रहे हैं।
सरकार ने कुलसचिव और वित्त नियंत्रक की नियुक्ति कर दी, लेकिन विवि के लिए जमीन तक चिह्नित नहीं होने के कारण फिलहाल बीकानेर राजकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय में ही बीटीयू का अस्थाई कार्यालय बनाया गया है। हालांकि यहां नवनियुक्तअधिकारियों के बैठने के कमरे तक तय नहीं होने के कारण दोनों अधिकारी फिलहाल जयपुर से ही काम चला रहे हैं।
सिरे चढ़ी पत्रिका की मुहिम
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को लेकर राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर इसकी खबरें प्रकाशित की है। इन खबरों के क्रम में पिछले महीने १० मार्च को राजस्थान पत्रिका ने कुलपति को तरसता तकनीकी विवि शीर्षक से खबर प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके बाद सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए कुलपति की नियुक्ति कार्रवाई आगे बढ़ाई जो सोमवार को सिरे चढ़ी।
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को लेकर राजस्थान पत्रिका ने समय-समय पर इसकी खबरें प्रकाशित की है। इन खबरों के क्रम में पिछले महीने १० मार्च को राजस्थान पत्रिका ने कुलपति को तरसता तकनीकी विवि शीर्षक से खबर प्रकाशित कर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था। इसके बाद सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए कुलपति की नियुक्ति कार्रवाई आगे बढ़ाई जो सोमवार को सिरे चढ़ी।
छोटे से गांव से शुरू हुआ सफर
बाडमेर के सीमावर्ती छोटे से गांव में पैदा हुए प्रो. एचडी चारण ने जोधपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद रुड़की से पीएचडी की। इस दौरान उन्हें दो बार बेस्ट रिसर्च स्कॉलर का अवार्ड भी मिला। वर्ष १९८६ में उन्होंने कोटा इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर लेक्चरर नौकरी की शुरूआत की।
बाडमेर के सीमावर्ती छोटे से गांव में पैदा हुए प्रो. एचडी चारण ने जोधपुर इंजीनियरिंग कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद रुड़की से पीएचडी की। इस दौरान उन्हें दो बार बेस्ट रिसर्च स्कॉलर का अवार्ड भी मिला। वर्ष १९८६ में उन्होंने कोटा इंजीनियरिंग कॉलेज में बतौर लेक्चरर नौकरी की शुरूआत की।
वर्ष २००६ में जब आरटीयू की स्थापना की गई तो वह विश्वविद्यालयी सेवा में आ गए। आरटीयू में डीन के तौर पर कार्यरत हैं। सबसे पहले उन्हें डीन स्टूडेंट वैलफेयर की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद डीन फैकल्टी और फिलहाल डीन एकेडमिक्स की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके साथ ही वह आरटीयू प्रबंध मंडल के भी सदस्य हैं।