scriptRajasthan Election: परकोटा-हवेलियां बिसराई, पटरी ने शहर को किया बेपटरी…भुजिया का स्वाद ले रही दुनिया | Rajasthan Assembly Election 2023 Special Story And Ground Report Of Nokha Assembly Constituency | Patrika News
बीकानेर

Rajasthan Election: परकोटा-हवेलियां बिसराई, पटरी ने शहर को किया बेपटरी…भुजिया का स्वाद ले रही दुनिया

Rajasthan Assembly Election 2023: बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के गली-मोहल्लों में रखे पाटों पर चुनावी मुद्दों से लेकर राज्य और देश की राजनीति पर गंभीर बातें होती हैं। तो मैं भी चल पड़ा बीकानेर की राजनीति और वहां के मुद़्दे जानने।

बीकानेरMay 28, 2023 / 08:17 am

Akshita Deora

jhunjhunu.jpg

युगलेश शर्मा/बीकानेर. Rajasthan Assembly Election 2023: बीकानेर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के गली-मोहल्लों में रखे पाटों पर चुनावी मुद्दों से लेकर राज्य और देश की राजनीति पर गंभीर बातें होती हैं। तो मैं भी चल पड़ा बीकानेर की राजनीति और वहां के मुद़्दे जानने। नए शहर से निकल कर परकोटे में पहुंचा तो तंग गलियों और बेतरतीब यातायात व्यवस्था को देखकर ऐसा लगा जैसे शहर से निकल कर किसी कस्बे में आ गए हों। हालांकि दोनों तरफ भव्य हवेलियां बरबस ही अपनी तरफ आकर्षित करती नजर आईं, लेकिन तेज धूप होने के कारण यहां कोई पर्यटक नजर नहीं आया।

 

पर्यटन का कोई इल्म नहीं
आगे चला तो वहां मेरी मुलाकात आनंद व्यास से हुई। बातचीत शुरू की तो वे बोले पर्यटन की दृष्टि से यहां बहुत कुछ किया जा सकता है। पुरानी हवेलियां, झरोखे आदि हैं, सरकार अगर नाइट टूरिज्म पर ध्यान दे तो यहां काफी पयर्टक आएंगे। देशनोक का करणीमाता मंदिर, जूनागढ़ किला, कोलायत का कपिल सरोवर आदि बहुत सी जगह हैं। पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए तो स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

यह भी पढ़ें

तपोभूमि बेनूर…सरोवर स्नान से दूर बजरी और जिप्सम का अवैध खनन बदस्तूर

इधर फाटक बंद…उधर शहर थमा
बाजार में पहुंचे तो साड़ी की दुकान पर घनश्याम मिले। बोले, सही पूछें तो महाराजा गंगासिंह के बाद यहां कोई विकास ही नहीं हुआ। रेलवे फाटक की समस्या तो जगजाहिर है। फाटक बंद होता है तो पूरा शहर थम सा जाता है। यहां औद्योगिक विकास नहीं हो पा रहा। सैनेटरी वेयर का बीकानेर सिरमौर बन सकता है।

 

योजनाएं…सरकार का फर्ज
सरकारी योजनाओं पर बात की गई तो घनश्याम बोले, लाभ लेने वाले तो ले ही रहे हैं, लेकिन जनता टैक्स भी चुकती है, तब ही तो सरकार फ्री की सुविधा दे पा रही है, कोई अपने घर से तो देता नहीं है। जरूरतमंद को सुविधा प्रदान करना सरकार का फर्ज है।

यह भी पढ़ें

कुएं सूखे…आंखों में पानी, नमक की झील में सीवरेज के नाले, कैसे निगलें निवाले

सारा ध्यान बीकानेर पूर्व पर
यहां से मैं बीकानरे पूर्व विधानसभा क्षेत्र में आ गया। यह नया बीकानेर है। सारे सरकारी डिपार्टमेंट यहीं होने से प्रशासन का सारा ध्यान इधर ही रहता है। कलेक्ट्रेट के पास मिले रूपसिंह ने कहा कि जूनागढ़ के सामने मसाला चौक शुरू किया गया, लेकिन सही जगह चिन्हित न करने से उसे वहां से शिफ्ट करना पड़ गया। थोड़ा आगे चला तो सूरसागर के पास आदर्श शर्मा मिले, कहा कुछ कॉलोनियां हैं जो खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र में आती हैं। इन्हें बीकानेर में ही शामिल किया जाना चाहिए, ताकि उनकी सुनवाई हो सके।

 

मोठ की बड़ी मंडी… सुविधा कुछ नहीं
बीकानेर से निकल कर नोखा विधानसभा क्षेत्र पहुंच गया। नोखा की मंडी में मिले पृथ्वीराज कुलडिय़ा ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी मोठ मंडी है, लेकिन यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं। करीब 56 बीघा में दो सौ दुकानें हैं, लेकिन प्लेटफॉर्म कम पड़ रहे हैं।

 

भुजिया को सरकार का कोई सहारा नहीं
बीकानेर की भुजिया और रसगुल्ले ने देश-दुनिया में पहचान बनाई है। नमकीन की एक प्रसिद्ध दुकान पर खड़े कपिल शर्मा से नमकीन का इतिहास जानना चाहा तो बोले, बीकानेर आज भुजिया का हब है, लेकिन यह इंडस्ट्री खुद ही अपने पैरों पर खड़ी हुई है, कोई सरकारी सहारा नहीं मिला। सरकारी स्तर पर सहयोग मिले तो नमकीन के मामले में दुनियाभर में सिक्का जमाया जा सकता है।

 

अस्पताल की घोषणा हवा-हवाई
आगे जाने पर बजरंग रांकावत से सामना हुआ। मुद्दे पूछने पर कहा कि नोखा में जिला अस्पताल को घोषित हुए ढाई-तीन साल हो गए, लेकिन स्थानीय नेताओं की आपसी खींचतान के कारण भूमि तक चिन्हित नहीं कर पाए। इस कारण मरीजों को बीकानेर जाना पड़ रहा है। यहां के कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं जहां बिजली तक नहीं है।

Home / Bikaner / Rajasthan Election: परकोटा-हवेलियां बिसराई, पटरी ने शहर को किया बेपटरी…भुजिया का स्वाद ले रही दुनिया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो