निजी बसों को अधिग्रहित किया गया है, उनको ४ दिसंबर तक बीकानेर पहुंचना होगा। यहां से बसें चुनाव ड्यूटी के कर्मचारियों को लेकर आवंटित गांवों में जाएंगी। यहां से ७ दिसंबर को मतदान कराकर वापस पोलिंग पार्टी को छोड़कर देर रात तक वापस लौटेंगी। यानि अपने निर्धारित रूट पर बसें ८ दिसंबर से संचालित हो सकेंगी।
नोखा से पांचू, सारूण्डा, जसरासर, श्रीकोलायत, कक्कू, शोभाणा, भादला सहित अन्य ग्रामीण रूटों पर चलने वाली निजी बसों के अधिग्रहित होने से लोगों को यात्रा करने के लिए परेशान होना पड़ेगा। क्यों कि इन रूटों पर ग्रामीण निजी बसों से ही आवागमन करते हैं।
नोखा से जिन गांवों तक जाने के लिए ट्रेन रूट नहीं है, वहां के लोगों के लिए दिक्कत होगी। क्योंकि यहां पर ट्रेन रूट नहीं होने के कारण सभी लोग बसों पर ही निर्भर रहते है। जिन्हें चुनाव होने तक तीन दिन गांवों से आवागमन के लिए परेशान होना पड़ेगा।
चुनाव आयोग की ओर से जिन छोटे-बड़े वाहनों का अधिग्रहण किया है, उसका किराया भी निर्धारित है। चुनाव ड्यूटी के लिए अधिग्रहित किए गए छोटे वाहन को प्रतिदिन ११०० रुपए, इनोवा को १३५० व बस को १८५० और स्लीपर कोच बस को २५०० रुपए प्रतिदिन का किराया दिया जाएगा।
चुनाव ड्यूटी के लिए वाहनों का अधिग्रहण करते समय इस बात का भी विशेष ध्यान रखा गया है कि बसों के अधिग्रहण करने से यात्री परेशान ना हो। जिन ग्रामीण रूटों पर ज्यादा बसें चलती हैं, वहीं से बसों को अधिग्रहित किया गया है।
सुप्रिया बिश्नोई, डीटीओ नोखा।