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बीकानेर

सिंचाई पानी और विकास तय करेंगे चुनाव की दिशा

विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पूरे संभाग में किसान फिर मुखर होने शुरू हो गए है।

बीकानेरSep 03, 2018 / 01:20 pm

dinesh kumar swami

rajasthan ka ran

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बीकानेर. विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पूरे संभाग में किसान फिर मुखर होने शुरू हो गए है। संभाग की तीनों बड़ी नहर परियोजनाएं इंदिरा गांधी नहर, गंगनहर और भाखड़ा नहर में अंतिम छोर के किसानों तक पूरा पानी पहुंचाने और नहरों की दशा सुधारने सहित कई मुद्दों पर राजनीतिक बयान बाजी भी चल रही है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना के रावला-घड़साना से लेकर पूरे बीकानेर जिले में सिंचाई पानी को लेकर धरने-प्रदर्शन भी होते रहे है। चुनावों में यह मुद्दा ग्रामीण अंचल के वोटों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। इस बार भी सिंचाई पानी वोटों के बहाव पर सीधा असर डालेगा।

भाजपा-कांग्रेस दोनों ही जिम्मेदार
सिंचाई पानी का संकट कांग्रेस की देन है और उसे भाजपा ने बरककार रखा है। यह संकट जल वितरण की अन्यायपूर्ण व्यवस्था की कोख से उपजा है। दो राज्यों के हित इससे जुड़े हुए हैं। पंजाब में कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की सरकार बनने के बाद संकट और गहराया है। यह सब मतदाताओं के शिकार की रणनीति है।
– मनीराम पूनिया, एडवोकेट, राजनीतिक विश्लेषक, श्रीगंगानगर

बीकानेर

सरकार का दावा : आइजीएनपी के जीर्णोद्धार के लिए पंजाब को बजट दिया। पूरा पानी लाएंगे।

बड़ा मुद्दा : इंदिरा गांंधी नहर के ं द्वितीय चरण के काश्तकारों को सिंचाई का पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है। नहर के द्वितीय चरण में बीकानेर और जैसलमेर को मात्र ३ क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है। द्वितीय चरण प्रस्तावित नहर विस्तार भी निरस्त कर दी गई है। पहले नहर से १९ लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होनी थी। अब १६.१७ लाख हैक्टेयर के बाद बंद कर दिया गया है। लिफ्ट नहरों में सिंचाई की प्रणाली पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई है।

चूरू

सरकार का दावा : चूरू में सरकारी मेडिकल कॉलेज खोला है। स्टाफ की नियुक्ति कर प्रवेश दिए गए हैं।

बड़ा मुद्दा : चूरू में राज्य सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किया। इसे खोला भी गया लेकिन साधन-संसाधन उपलब्ध कराने में सरकार ने हाथ खींच लिए। इसका काम अधूरा पड़ा है। मेडिकल प्रथम वर्ष के लिए प्रवेश दे दिए गए हैं। परन्तु संसाधनों के अभाव में मेडिकल के विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़

सरकार का दावा : गंगनहर और वितरिकाओं को पक्का कराने का कार्य पूरा करवा दिया। पक्के खाळे बनाने के लिए बजट जारी हो चुका है। किसानों को पूरा पानी दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए। पाकिस्तान जा रहे पानी को रोककर उपयोग में लेने के लिए काम चल रहा है।

बड़ा मुद्दा : कृषि प्रधान श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में नहरी पानी का संकट बड़ा मुद्दा बनता रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले गंगनहर, भाखड़ा और इंदिरा गांधी नहर के किसान सिंचाई पानी की कमी के चलते खरीफ की फसल को बर्बाद होते देखने को मजबूर हैं। बरसात की कमी, अत्यधिक तापमान और उस पर सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने से खेतों में खड़ी फसलें झुलस कर दम तोड़ रही हैं। किसान इस स्थिति को देखकर हताश हैं।
सिंचाई पानी को लेकर आंदोलन भी हुए। लेकिन इनसे किसानों को कोई फायदा हुआ हो एेसा दिखाई नहीं देता। इस बार नहरी पानी का संकट राजस्थान की नहरों को पानी की आपूर्ति करने वाले बांधों के जलग्रहण क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश नहीं होने से बना है। पोंग, भाखड़ा और रणजीत सागर बांध अभी रीते पड़े हैं। इनके भराव का समय भी २० सितम्बर को पूरा हो जाएगा। शेयर का बाकी पानी कहां जा रहा है, इसका जवाब जल संसाधन विभाग के पास नहीं। किसान संगठन उनके हिस्से का पानी इंदिरा गांधी नहर में डाले जाने का आरोप लगाते हैं।

पक्ष-विपक्ष

भाजपा

राजस्थान को पाकिस्तान जाने वाले पानी को रोककर सिंचाई के लिए पानी काम में लिया जा रहा है। पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाकर इस मामले में बातचीत की जाएगी। नहर फीडर मरम्मत और नहरों रख-रखाव के साथ स्प्रिंकलर सिंचाई की प्रक्रिया में है।
अर्जुनराम मेघवाल, केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री

कांग्रेस

राजस्थान को हिस्से का सिंचाई के लिए पूरा पानी मिले इसके लिए सेवानिवृत हाई कोर्ट के जजों, मुख्य अभियंताओं और जनप्रतिनिधियों की समिति बने। समिति नहरों में गंदा पानी नहीं आए, वरीयता की पालना हो इन बातों की समिति निगरानी करें।
डॉ. बीडी कल्ला, पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार

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