संगठन के नगरमंत्री नरेन्द्र आचार्य ने बताया कि ज्ञापन में अवगत करवाया गया है कि राजस्थान में 2004 से पूर्व पदस्थापित शिक्षक एवं कर्मचारियों को सेवा निवृत्ति पर पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त होता है जबकी 2004 के पश्चात् नियुक्त कार्मिकों को नई पेंशन स्कीम के अन्तर्गत पेंशन देय है। नवीन पेंशन स्कीम किसी भी दृष्टि से सेवा निवृत्ति के पश्चात् शेष जीवन को आर्थिक रूप से सुरक्षित भविष्य को सुनिश्चित नहीं करती है।
जिला मंत्री कैलाशदान ने कहा कि शिक्षकों को 6 व 7वें वेतनमान में केन्द्र के अनुरूप वेतनमान नही देकर अनेक विसंगतियां रख दी गई थी। संगठन के आन्दोलन करने पर राज्य सरकार द्वारा इन विसंगतियों के अध्ययन एवं निवारण के लिए सामन्त कमेटी का गठन किया था। सामन्त कमेटी ने अपना प्रतिवेदन राज्य सरकार को प्रस्तुत कर दिया है मगर न तो समिति की सिफारिशें सार्वजनिक की गयी है तथा न ही इन पर अपेक्षित कार्रवाई की गई है जिससे शिक्षकों में आक्रोश है।जिला कोषाध्यक्ष त्रिपुरारी चतुर्वेदी, सरंक्षक कन्हैयालाल छींपा, प्रदेशमंत्री रवि आचार्य तथा नगर सभाध्यक्ष मोहनलाल आदि ने भी मांगों का निराकरण नहीं कराने पर सरकार की निंदा की।