कोरोना संक्रमण के कारण मंदिरों में श्रद्धालुओं की उपस्थिति हर साल की तुलना में काफी कम रही। घर-घर में परिवार के सदस्यों ने दूध, दही, घी, शर्करा, शहद और पंचामृत से भगवान श्रीराम का अभिषेक किया और रामदरबार का पूजन किया। घरों और मंदिरों में श्री रामचरित मानस और रामायण की चौपाइयां गूंजी। श्रद्धालुओं ने हलुआ, दूध व चावल से बनी केशर युक्त खीर का भोग विशेष रूप से अर्पित किया। भगवान श्रीराम की स्तुती वंदना कर महाआरती की गई। पंचामृत प्रसाद का वितरण किया गया।
जन्मकुंडली का हुआ वाचन
रामनवमी पर तेलीवाड़ा चौक स्थित रघुनाथ मंदिर में 108 वर्ष पुरानी परम्परा अनुसार भगवान श्रीराम की हस्तलिखित जन्मकुंडली का वाचन हुआ। परम्परानुसार जन्मकुंडली वाचन से पहले जन्मकुंडली का पूजन किया गया। पंडित लक्ष्मीनारायण रंगा ने भगवान श्रीराम की जन्म कुंडली का वाचन मंदिर परिसर स्थापित वीर हनुमान की मूर्ति के समक्ष किया। कोरोना महामारी के कारण इस बार श्रद्धालुओं की उपस्थिति बहुत ही कम रही।
रामनवमी पर मंदिर में स्थापित भगवान श्रीराम, सीता और कृष्ण की मूर्तियों का अभिषेक पूजन कर महाआरती की गई। इस दौरान मंदिर पुजारी सहित मोहल्लेवासी और श्रद्धालु उपस्थित रहे। जस्सूसर गेट स्थित श्रीराम मंदिर में अभिषेक, पूजन कर आरती की गई। राम,लक्ष्मण और सीता की मूर्तियों के मास्क लगाकर आमजन को कोरोना से बचाव के लिए अनिवार्य रूप से मास्क पहनने का संदेश दिया गया। भट्ठड़ों का चौक, बीके स्कूल के पास सहित शहर के सभी राम मंदिरों में अभिषेक, पूजन और महाआरती के आयोजन हुए।