scriptदुलर्भ प्रजाति का पहाड़ी उल्लू बेहाल मिला रेगिस्तान में | Patrika News
बीकानेर

दुलर्भ प्रजाति का पहाड़ी उल्लू बेहाल मिला रेगिस्तान में

बीकानेर के छत्तरगढ़ क्षेत्र में इंडियन स्कोप्स ऑउल प्रजाति का उल्लू वनकर्मियों ने रेस्क्यू किया है। यह उल्लू पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है। रेगिस्तानी इलाके में आने पर कौवों ने इस पर हमला कर दिया।

बीकानेरMay 25, 2024 / 04:47 pm

dinesh kumar swami

बीकानेर. वन विभाग की छत्तरगढ़ रेंज में एक दुलर्भ प्रजाति के उल्लू को घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया है। यह इंडियन स्कोप्सऑउल प्रजाति का उल्लू है। जो पहाड़ों के निचले इलाकों तथा हिमालय में 2200 मीटर तक की ऊंचाई तक देखने को मिलता है। भारत के साथ नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा ईरान में बहुत कम संख्या में यह उल्लू बचे है।
वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट तथा वन अधिकारी योगेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि इस उल्लू के दो मॉर्फ होते हैं भूरा तथा रूफस। इसके सिर के दोनों तरफ कलंगीनुमा गुच्छे तथा चेहरे पर गहरी पंखों की डिस्क से पहचान होती है। इस उल्लू को कौओं ने घायल कर दिया गया था। जिसे वन मंडल छत्तरगढ़ में रेस्क्यू किया गया। यह उल्लू रात्रि समय में मेंढक जैसी आवाज निकालता है। अत्यधिक शर्मिला होने से दिन में देखना दुर्लभ है। अंधविश्वासों के चलते लोग इसका शिकार भी करते है।
सामान्यतः रेगिस्तान वनस्पतियों खेतों में बगीचों तथा घनी पत्ते वाले पेड़ों के झुंड में रहना पसंद करता है। इस उल्लू का रंग रूप इस प्रकार का होता है कि यह पेड़ों तथा वनस्पतियों के बीच आसानी से दिखाई नहीं देता है। यह एक मांसाहारी जीव है जो मुख्यतः कीड़े मकोड़े टिड्डे, कीट-पतंगे, तितलियां, छोटी चिड़िया, छिपकली, चूहे आदि खाता है।
वर्तमान में आईयूसीएन की रेड डाटा सूची में यह संकट मुक्त (Least Concern) श्रेणी में शामिल है लेकिन अंधविश्वासों के चलते इसका शिकार किया जाता है।

Hindi News/ Bikaner / दुलर्भ प्रजाति का पहाड़ी उल्लू बेहाल मिला रेगिस्तान में

ट्रेंडिंग वीडियो