जानकारी अनुसार अकेले बीकानेर सर्कल में करदाताओं ने चालू वित्तीय वर्ष में करीब 65 फीसदी अधिक रिफण्ड की राशि उठा ली है। इतना ही नहीं, पिछले वित्तीय वर्ष में भी जमा टैक्स राशि से करीब 52 फीसदी ज्यादा रिफण्ड करदाताओं ने उठाया था। आयकर विभाग के रिफण्ड से जुड़े आंकड़ों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में बीकानेर सर्किल के कुल करदाताओं से २३७.०७ करोड़ रुपए के टैक्स की वसूली हुई थी। इसकी एवज में फरवरी-२०२० तक ३०१.८८ करोड़ रुपए का रिफण्ड आयकर विभाग को करना पड़ गया। इसी प्रकार पिछले वित्तीय वर्ष २०१९ में १९५.४ करोड़ रुपए की वसूली के बदले आयकरदाताओं को २४७.४१ करोड़ रुपए का रिफण्ड चुकाया गया था।
यूं कर रहे फर्जीवाड़े सूत्रों के अनुसार विभाग की विभिन्न धाराओं के चलते मकान किराया, मकान बनाने के लिए ऋण, बीमा पॉलिसी, एनपीएस में निवेश, मेडिकल इन्श्योरेंस, शिक्षा ऋण, ८०जी के तहत आने वाली संस्थाओं में दान तथा शारीरिक अपंगता की स्थिति में टैक्स में छूट लेने के लिए आयकरदाता हकदार होते हैं। देखने में यह आ रहा है कि आयकरदाता छूट लेने के हकदार नहीं होने के बावजूद लाभ उठा रहे हैं।
जांच में हुआ खुलासा आयकर अधिकारियों ने बताया कि जमा टैक्स राशि से अधिक रिफण्ड उठाने के बाद विभाग ने कुछ आयकर विवरणियों की जांच करवाई। जांच में खुलासा हुआ कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी रिफण्ड उठाने के चक्कर में गलत दस्तावेज रिटर्न में संलग्न कर रहे हैं।
सरकारी महकमों में भेजे पत्र आयकर विभाग सरकारी महकमों के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर गलत आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले कार्मिक-अधिकारियों से भूल सुधार के लिए पत्र लिख रहा है। संयुक्त आयकर आयुक्त (रेंज-२) संजीव कृष्ण शर्मा ने बताया कि इनकम टैक्स से मिलने वाली राशि राष्ट्र निर्माण में लगाई जाती है, लेकिन करदाता किसी के बहकावे में गलत जानकारी देकर चुकाए गए टैक्स से अधिक रिफण्ड उठा रहे हैं। 31 मार्च के बाद आयकर अधिनियम की धारा २७०ए के तहत देय कर के दो प्रतिशत के बराबर जुर्माना अर्थात देय कर की कुल राशि का तीन सौ प्रतिशत के बराबर जुर्माना वसूला जाएगा।