पीपीटी के जरिए दी जानकारी
बैठक में देशभर में तिल के बीज की मांग को देखते हुए जैसलमेर और पोकरण कृषि विज्ञान केन्द्र में बीज उत्पादन का भी निर्णय लिया गया। अतिरिक्त निदेशक बीज डॉ. पीसी गुप्ता ने पीपीटी के जरिए विस्तृत जानकारी दी। अनुसंधान निदेशक डॉ. पीएस शेखावत ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय मूंगफली, ग्वार और मोठ के बीज उत्पादन को लेकर पूरे राजस्थान में सबसे अच्छा कर सकते हैं।
1500 क्विंटल बीजों का उत्पादन
कृषि विश्वविद्यालय के तहत आने वाले 7 कृषि विज्ञान केन्द्रों बीकानेर, लूणकरनसर, जैसलमेर, पोकरण, चूरू में चांदकोठी, झुंझुनूं में आबूसर, श्रीगंगानगर के पदमपुर के अलावा यांत्रिक कृषि फार्म रोजड़ी, यूनिवर्सिटी सीड फार्म बीछवाल, यूनिवर्सिटी सेन्ट्रल फार्म खारा, कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर, श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़, कृषि महाविद्यालय बीकानेर, लैंडस्केपिंग सेल सहित 15 बीज उत्पादन केन्द्रों की करीब 1300 हेक्टेयर भूमि है। इन 15 केन्द्रों पर वर्ष 2023 में खरीफ की विभिन्न फसलों के 1500 क्विंटल बीजों का उत्पादन किया गया।