हालांकि इस पर सरकार द्वारा बैन लगाया है लेकिन फिर भी अवैध तरीके से इसकी बिक्री जारी है और किसान थोड़े से फायदे के लिए इस हार्मोन का प्रयोग सब्जियों की पैदावार बढ़ाकर आम व्यक्ति के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है। पशु चिकित्सक संजय शर्मा ने बताया कि ऑक्सीटोसिन के प्रयोग से पशु की नस्ल तथा उत्पाद की गुणवत्ता को खराब होना पाया गया। यह पशुओं की स्वास्थ्य तथा पाचन प्रक्रिया खराब करता है। किसान सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि खाजूवाला क्षेत्र में इन दिनों नरमे व ग्वार पर किसानों द्वारा ऑक्सीटोसिन व देशी शराब को छिड़काव किया जा रहा है। ताकि कमजोर फसल पक जाए और ज्यादा पैदावार मिल सके। यह हॉर्मोन ग्रामीण क्षेत्रों की दवा की दुकानों पर आसानी से मिल जाता है।
अब मूंगफली, मोठ, कपास, ग्वार आदि फसलों पर भी इस हॉर्मोन का अंधाधुंध हो रहा है। भारतीय किसान संघ जिला महामंत्री शम्भू सिंह ने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा को पत्र लिखकर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन की बिक्री व प्रयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या है ऑक्सीटोसिन
दवा की दुकानों पर यह पाइटोसिन सिंटोसाइनॉन के रूप में बेचा जाता है तथा एक स्तनपायी हॉर्मोन है जो मुख्य रूप से मस्तिष्क में तंत्रिका तंत्र को संदेश भेजने का कार्य करता है। हालांकि चिकित्सक की सलाह पर ही यह किसी रोगी को दवा के रूप में दिया जाता है लेकिन आजकल गलत उपयोग कर कुछ लोगों द्वारा रातोंरात कमाई करने के लिए इसका सब्जियों में प्रयोग कर रहे हैं। इस हार्मोन से खेत में सब्जी थोड़े समय में बाजार में बेचने के लिए तैयार हो जाती है।
ये हैं दुष्परिणाम
ऑक्सीटोसिन हार्मोन व्यक्ति को शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचता है। इस इंजेक्शन से पकने वाली सब्जियों के सेवन करने से नपुसंकता, माईग्रेन, कैंसर, पेट दर्द, मोटापा व रक्तचाप आदि बीमारियां हो सकती है। यह धीमा जहर है।
जल्द कार्रवाई करेंगे
सरकार द्वारा ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है। यदि यह बाजार में मिल रही है तो सम्बन्धित मेडिकल स्टोर व दुकान पर जल्द कार्यवाही की जाएगी। इसके बारे में ड्रग इंस्पेक्टर को भी सूचना की गई है।
डॉ. बीएल मीणा, सीएमएचओ, बीकानेर