बैठक में शिक्षक संगठनों की गिरदावरी तथा मान्यता के लिए अलग से एक पोर्टल बनाने, पोर्टल पर शिक्षक संगठनों को अपनी वर्ष भर की गतिविधियों को दर्ज करने, शिक्षकों को अपनी एसएसओ आई डी से अपने पसंद के संगठन को वोट करनेे, सदस्यता शुल्क के कुछ अंश को विद्यार्थियों के विकास पर खर्च करने, दोहरी सदस्यता पर रोक लगाने, जिला स्तर पर वोटिंग या आन लाइन वोटिंग की व्यवस्था करने, नए संगठन को पंजीयन के बाद पोर्टल पर एक साल की उसकी गतिविधियों के आधार पर मान्यता देने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए।
शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेशाध्यक्ष बन्नाराम चौधरी और प्रदेश वरिस्ठ उपाध्यक्ष सुभाष आचार्य ने शिक्षा निदेशक को शिक्षक संगठनों की गिरदावरी व मान्यता के लिए गुप्त मतदान कराने, विभाग के कुल शिक्षकों की संख्या के एक निर्धारित निश्चित प्रतिशत मत प्राप्त करने वाले संगठनों को ही मान्यता दिए जाने जैसे नीतिगत सुझाव दिये।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय की ओर से प्रदेश अध्यक्ष संपत सिंह तथा प्रदेश मंत्री रवि आचार्य तथा ने गिरदावरी से पूर्व कार्यकर्ता, कार्यक्रम, कोष और कार्यालय के चार प्रमुख बिंदुओं को ध्यान में रखने पर जोर दिया। जिसमें सभी शिक्षक संगठनों के पिछले तीन से पांच साल के सदस्यों की सूची, उनके आय व्यय के अंकेक्षित लेखे, विधान की प्रति, प्रांतीय तथा जिला कार्यकारिणी के पदाधिकारियों की सूची तथा विभाग में कार्यरत सभी शैक्षिक संवर्ग के शिक्षकों को शामिल करने का सुझाव दिया।
शिक्षक संघ एलीमेंट्री सैकेण्डरी टीचर एसोसिएशन रेसटा की ओर से प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद व प्रदेश कोषाध्यक्ष श्यामसुंदर विश्नोई ने सभी संगठनों को मर्ज करते हुए शिक्षा विभाग का एक ही संघ बनाने, 10 रुपए सदस्यता शुल्क राज्य निधि में जमा कराने,सम्मेलनों का आयोजन सरकार की ओर से कराने एवं सम्मेलनों में सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य करने, मान्यता संबंधी गाइड लाइन जारी करने, वर्ष में दो बार शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों की राज्य, जिला तथा ब्लॉक स्तर पर वार्ता करने आदि के सुझाव दिए गए।
राजस्थान एकीकृत शिक्षक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष हरपाल दादरवाल तथा जिलाध्यक्ष संजीव यादव ने शिक्षा राज्य मंत्री द्वारा चहेते शिक्षक संगठनों को ही मान्यता देने की आशंका व्यक्त करते हुए पूर्णतया लोकतांत्रिक तरीके से गिरदावरी व मान्यता प्रक्रिया अपनाने पर जोर दिया। निदेशक सौरभ स्वामी ने सभी संगठनों की ओर से दिए गए सुझावों पर विचार कर शिक्षा राज्य मंत्री की अध्यक्षता में होने वाली आगामी 22 अप्रेल की बैठक में अंतिम रूप से निर्णय करने की बात कही।
रेसला की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिहाग, जिलाध्यक्ष गिरधारी गोदारा ने गिरदावरी के लिए शालादर्पण पर शिक्षक संघो की सदस्यता का टेब शुरु करने, केडर बेस के आधार पर संगठनों को मान्यता देने सम्बधी सुझाव दिए ।