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बीकानेर

संजोडे सूं कजळी पूजै, सज सोलह सिणगार…

बड़ी तीज आज: धमोळी पर्व मनाया, जूनागढ़ से आज निकलेगी तीज माता की शाही सवारीमहिलाएं चन्द्र पूजन कर सुनेंगी कथा

बीकानेरAug 18, 2019 / 01:55 am

Hari

Teej today, celebrated Dhamoli festival

Teej today, celebrated Dhamoli festival

बीकानेर. अखण्ड सुहाग की कामना को लेकर रविवार को बड़ी तीज (कजली तीज) मनाई जाएगी। महिलाएं व्रत-उपासना कर झूला झूलने की रस्म निभाएगी व रात को चन्द्र पूजन कर कथा सुनेगी व व्रत का पारणा करेगी। अच्छे वर एवं घर की कामना को लेकर लड़किया भी बड़ी तीज का व्रत रखेगी।
बड़ी तीज से पहले शनिवार को धमोळी पर्व मनाया गया। घर-घर में विभिन्न तरह के पकवान बनाए गए। बहिन-बेटियों के ससुराल मिठाई-नमकीन व अन्य व्यंजन तथा आछरी व सत्तू भेजे गए। घर-घर में मिठाई नमकीन की खपत के चलते गली-मोहल्लों में कई स्थानों पर नमकीन की दुकाने लगी व सुबह से रात तक बिक्री चलती रही।
मिठाइयों की दुकानों पर दिन भर भीड़ रही। धमोळी व बड़ी तीज को लेकर बाजारों में विशेष रौनक रही। फल, मिठाइयां, सुहाग सामग्री, खाटा-सुपारी, वस्त्र आदि की दुकानों पर रात तक भीड़ रही।
निकलेगी शाही सवारी
रियासतकालीन परम्परा के तहत बड़ी तीज पर जूनागढ़ से तीज माता की शाही सवारी निकलेगी। शाही लवाजमें के साथ निकली तीज माता की सवारी चौतीना कुआ तक पहुंचेगी। यहा दर्शन-पूजन के बाद सवारी पुन: जूनागढ़ जनाना ड्योढ़ी पहुंचेगी। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं तीज माता की सवारी के दर्शन-पूजन के लिए आएंगी।
रम्मत गीतों में भी कजळी तीज का है उल्लेख
‘धूमधाम सूं कजळी पूजो, उजोणा संजोडे सूं कर सजन गोठ देणा, ‘सुहागण मेंहदी रचाई, दे चन्द्र अरघ घर माही, संजोडे सूं कजळी पूजै सज सोलह सिणगार और भादूड़े री तीज काजळी सासू संग पूजण जावै सरीखे स्वांग मेहरी रम्मतों के चौमासा गीत कजळी पूजन का विशेष उल्लेख करते है।
बारह गुवाड़ चौक स्वांग मेहरी रम्मत कलाकार मुन्ना महाराज ओझा बताते है कि चौमासा स्वांग मेहरी रम्मतों का प्रमुख गीत होता है, जिसमें चौमासा के चारों महीनों का विशेष रूप से उल्लेख किया जाता है।

भाद्रपद मास की तीज को मनाए जाने वाले कजळी तीज पूजन का विशेष उल्लेख चौमासा गीत में किया जाता है। इस गीत में पति-पत्नी के लिए मंगल कामनाएं की जाती है।

बड़ी तीज की परम्पराओं का वर्णन और पत्नी की मनोकामनाएं चौमासा गीत में अभिव्यक्त की जाती है। जमना दास कल्ला स्वांग मेहरी रम्मत के कलाकार मदन गोपाल व्यास बताते है कि चौमासा गीत में कजळी माता के पूजन का वर्णन रम्मत कलाकार बडी श्रद्धा एवं भक्ति भाव के साथ गाते है।

घर-घर पहुंचते रहे सत्तू
बड़ी तीज पर बहिन-बेटियों के ससुराल सत्तू भेजने की परम्परा के तहत शनिवार को सत्तू (सिग व बारा) भेजने का सिलसिला जारी रहा। महिलाएं व युवतियां गेंहू, बेसन, चावल, मावा, काजू, बादाम से बने सत्तू को आकर्षक तरीके से सजाकर बहिन-बेटियों के सुसराल पहुंचाया। सत्तू को बादाम, काजू, किसमिस, मिश्री, नारियल, अखरोट से सजाकर व उन पर चांदी की पताकाए लगाई गई। महिलाएं बड़ी तीज का व्रत का पारना सत्तू के सेवन से करेगी।
आक के पत्तों पर भोजन
बड़ी तीज पर्व रविवार को मनाया जाएगा। महिलाएं व लड़किया दिन भर उपवास कर रात को व्रत का पारना करेगी। चन्द्रोदय के समय व्रतधारी महिलाएं चन्द्र पूजन कर चन्द्रमा को अघ्र्य देगी व कजली माता का पूजन कर कथा सुनेगी। इसके बाद व्रत का पारना होगा। महिलाएं किसी धातु से बनी थाली में भोजन न कर आक के पत्तों पर परम्परानुसार भोजन करेगी।

बाजारों में रौनक
बड़ी तीज पर्व को लेकर शहर के बाजारों में विशेष रौनक है। शनिवार को बड़ा बाजार, मोहता चौक, तेलीवाडा चौक, दाऊजी मंदिर रोड, जोशीवाड़ा, कोटगेट, केईएम रोड, तोलियासर भैंरुजी गली मार्केट, कोटगेट सट्टा बाजार, स्टेशन रोड, पुरानी जेल रोड, कोटगेट सब्जी मंडी, फड़ बाजार, गंगाशहर, भीनासर, जस्सूसर गेट, नत्थूसर बास, रामपुरा बस्ती सहित शहर के विभिन्न बाजारों में देर रात तक खरीदारी के चलते चहल पहल रही। बाजारों में फल, सब्जी, मिठाइयां, सुहाग सामग्री, वस्त्र, खाटा सुपारी, साडि़यों की दुकानों आदि पर भी भीड़ रही।

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