मोर्चरी के सामने विरोध-प्रदर्शन मृतकों के परिजन व समाज के लोग हादसे का पता चलने पर पीबीएम अस्पताल की मोर्चरी के आगे पहुंच गए। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से मृतक के आश्रितों को मुआवजा दिलाने की मांग करने लगे। विरोध-प्रदर्शन की सूचना पर सीओ सदर पवन कुमार भदौरिया भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से वार्ता की लेकिन बात नहीं बनी। शाम छह बजे तक प्रदर्शनकारियों से दो दौर की वार्ता विफल हो चुकी थी।
जलहौज में लगी थी मोटऱ जलहौल में महज एक-डेढ़ फीट पानी था। जलहौज में पानी ऊपर खींचने वाली समरसिबल मोटर लगी हुई थी। मजदूर जब जलहौज में उतरे तब मोटर चालू थी। पानी का लेवल कम होने से मोटर में फाल्ट आ गया और करंट पानी में फेल गया, जिससे दोनों मजदूरों की मौत हो गई।यूं हुआ हादसा
एसएचओ राठौड़ ने बताया कि हादसे के समय घर में बुजुर्ग दंपती अकेले थे। इनके बेटों का कपड़े का कारोबार है, इसलिए यह बीकानेर से बाहर रहते हैं। गुरुवार सुबह जलहौज की सफाई करने के लिए मजूदरों को बुलाया था। सुबह करीब साढ़े 12 बजे जगदीश व रामेश्वरलाल आए थे। जलहौज की सफाई करने पहले जगदीश अंदर गया था। रामेश्वर व मकान मालिक इन्द्रचंद पास ही खड़े थे। जगदीश पांच दस मिनट जलहौज में रहने के बाद छटपटाया। तब रामेश्वर जलहौज में गया। उसने इन्द्रचंद से कहा कि वह इलेिक्ट्रक का काम जानता है। वह भी नीचे उतर गया और दोनों की करंट लगने से मौत हो गई।
शव उठाने से इनकार मृतकों के परिजन व समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। परिजन मुआवजे की मांग कर रहे हैं। मुआवजा नहीं मिलने तक शव उठाने से इनकार कर दिया। इसी वजह से शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पाया। परिजनों ने गंगाशहर थाने में कोई रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराई है। एसएचओ सिंह ने बताया कि मृतकों के परिजनों की ओर से जो रिपोर्ट दी जाएगी उसके आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।