मजे की बात यह कि दोनों पार्टियों के बीच हुई गहमागहमी के बावजूद अधिकारी घंटों तक यह बताने में असमर्थ थे कि असली गाड़ी कौन सी है और किसके गलत नम्बर लगा रखे हैं। दोनों गाडि़यां एक ही कम्पनी और मॉडल की होने से इन्हें देखने के लिए विभाग में देखने वालों की भीड़ लग गई। कुछ समय के लिए दोनों पार्टियों के बीच कहासुनी भी हुई। हालांकि अधिकारियों के टालमटोल के चलते कार्रवाई अंतिम निर्णय तक नहीं पहुंच पाई। इस बीच एक गाड़ी मालिक ने अपना परिवाद जिला पुलिस अधीक्षक के पास पहुंचाया है।
अधिकारी बोले जांच करेंगे प्रादेशिक परिवहन विभाग के अधिकारियों ने दोनों परिवादियों की गाडि़यों के दस्तावेज लेने के बाद इनकी जांच करवाने की बात कही है। अधिकारियों ने बताया कि एेसा होता नहीं है कि दो गाडि़यों के नम्बर व चेसिस नम्बर एक जैसे हों। दोनों गाडि़यों पर आरजे ०७ यूए १७१३ लिखे हुए हैं। दोनों गाडि़यों की आरसी पर मालिकों के नाम अलग-अलग हैं।