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बीकानेर

पीबीएम में हंगामा, पार्षद और सुरक्षा गार्डों में झड़प

सुरक्षा गार्डों ने काम छोड़ा, अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया

बीकानेरAug 05, 2020 / 11:26 pm

Jai Prakash Gahlot

पीबीएम में हंगामा, पार्षद और सुरक्षा गार्डों में झड़प

पीबीएम में हंगामा, पार्षद और सुरक्षा गार्डों में झड़प

बीकानेर। कोरोना संक्रमण काल में भी पीबीएम किसी न किसी कारण से सुर्खियों में रहती है। बुधवार को पार्षदों व सुरक्षा गार्डों के बीच हुई टकराहट के बाद जोरदार हंगामा हो गया। नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। करीब एक घंटे तक हंगामा होने के पीबीएम अधीक्षक के कक्ष के आगे धरने पर बैठ गए। वहीं सुरक्षा गार्डों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। मामला बिगड़ता देख पीबीएम अस्पताल प्रशासन ने सदर थाना पुलिस को बुलवा लिया।
प्रकरण के अनुसार पार्षदों का एक शिष्ट मंडल पीबीएम अस्पताल की चिकित्सीय व्यवस्थाओं को लेकर ज्ञापन देने के लिए पहुंचा। यहां पीबीएम अधीक्षक भवन के बाहर तैनात होमगार्ड के जवानों ने उन्हें रोका था,उनमें झड़प हो गई। पार्षदों का आरोप है कि होमगार्ड के जवान ने हमारे एक पार्षद को धक्का दिया तथा थप्पड़ भी मारा। जबकि होमगार्डो का कहना था कि भीड़ करके आ रहे पार्षदों को रोका तो उन्होंने हाथपाई शुरू कर दी और जबरन अधीक्षक के कक्ष में घुस गए। पार्षदों के इस रवैये से आहत होकर पीबीएम के तमाम सुरक्षा गार्डो ने प्रशासनिक विंग के बाहर धरना शुरू कर दिया। उधर पीबीएम अधीक्षक के कक्ष में ज्ञापन लेकर पहुंचे पार्षदों की अधीक्षक डॉ.सलीम के साथ भी जोरदार बहस हुई। इससे गुस्साएं डॉ.सलीम एकबारगी तो तैश में आ गए। माहौल गरमाने की सूचना मिलने के बाद मौके पर आई पुलिस ने समझाइस कर पार्षदों को अधीक्षक के चैमबर से बाहर निकाला। इधर पीबीएम सुरक्षा अधिकारी प्रभुसिंह शेखावत का कहना था कि ड्यूटी के दौरान हाथापाई और मारपीट करने वाले पार्षदों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी हिमाकत कोई दूसरा न करें।
हंगामे की वजह, पार्षदों के पीबीएम प्रशासन पर गंभीर आरोप

पार्षद मनोज विश्रोई, प्रफुल्ल हटीला, चेतना चौधरी, पारस मारु बुधवार दोपहर में साथी पार्षद यूनुस अली की बुजुर्ग मां की पीबीएम में इलाज के दौरान मौत होने पर चिकित्सकों की लापरवाही के कारण निधन होना मानते हुए पीबीएम प्रशासन के समक्ष विरोध जताने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन देने गए थे। पार्षद मनोज बिश्नोई का कहना है कि वे अधीक्षक को ज्ञापन देने गए थे। यहां होमगार्ड जवानों न केवल अभद्रता की बल्कि एक पार्षद के थप्पड़ जड़ दिया। होमगार्ड का पार्षद के साथ मारपीट करना बर्दाश्त नहीं। पार्षदों ने कहा कि प्रशासन की अनदेखी के चलते सुरक्षा गार्ड बेलगाम है। पीबीएम की व्यवस्था बेपटरी है। यहां न चिकित्सकों का रवैया ठीक है और न ही अन्य स्टाफ का। इस वजह से पीबीएम अस्पताल बदनाम हो रहा है। पीबीएम प्रशासन के खिलाफ पहले भी दो बार आंदोलन कर चुके हैं। अब इस घटनाक्रम में पार्षदों के साथ अन्याय हुआ तो जन आंदोलन करेंगे।

पार्षदों का रवैया ठीक नहीं, जांच कमेटी गठित
पार्षदों की बात सुनी और ज्ञापन दिया लेकिन पार्षद पहले सुरक्षा गार्डों के साथ उलझे और बाद में कक्ष में आकर झगड़ा करने पर उतारु हो गए। पार्षद सम्मानीय व जिम्मेदार प्रतिनिधि है, उन्हें ऐसा रवैया नहीं अपनाना चाहिए। इस पूरे घटनाक्रम व मरीज के मौत के मामले की जांच के लिए तीन चिकित्सकों की कमेटी बनाई गई है। रिपोर्ट में सुरक्षा गार्ड दोषी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कोरोना काल में इस तरह पीबीएम में अनावश्यक भीड़ व शोर-शराबा करना अनुचित है।
डॉ. मोहम्मद सलीम, अधीक्षक पीबीएम अस्पताल

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