इसके बावजूद यात्री प्रतीक्षा सूची कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में कुछ लोगों को बस और अन्य साधनों का प्रयोग करना पड़ सकता है। ज्ञात हो कि बीकानेर मूल के अधिकांश लोग सूरत, आसाम और कोलकाता जैसे महानगरों में रहते हैं।
छुट्टियां होने के साथ ही परिजनों से मिलने के लिए लोग बीकानेर से इन महानगरों की सैर करते हैं। रेल का सफर बेहतर असल में रेल गाडिय़ों का सफर बेहतर होने के कारण प्रतीक्षा सूची ज्यादा रहती है। लम्बी दूरी के चलते बस में जहां थकान महसूस होती है, वहीं रेल गाड़ी बच्चों, बड़़ों और वृद्ध व्यक्तियों के लिए आरामदायक होती है।
इन गाडिय़ों में लम्बी प्रतीक्षा सूची 14707- बीकानेर-मुंबई में 80 से ज्यादा वेटिंग 22308- बीकानेर-हावड़ा में 30 से ज्यादा वेटिंग 24888- बीकानेर-हरिद्वार में 80 से ज्यादा वेटिंग 07038- बीकानेर-हैदराबाद में 80 से ज्यादा वेटिंग
(आंकड़े स्लीपर श्रेणी के हैं।) अधिकारी बोले लगाए हैं अतिरिक्त कोच उत्तर पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ मण्डल वाणिज्यिक प्रबंधक सीआर कुमावत ने बताया कि यात्री भार और प्रतीक्षा सूची को देखते हुए कुछ मार्गों पर स्पेशल गाडिय़ां शुरू करने के साथ ही अतिरिक्त कोच लगाए हैं। यह सही है कि इसके बावजूद प्रतीक्षा सूची कम नहीं हो रही है।