ग्रामीण क्षेत्रों में रेत के धोरों में रहने वालों ग्रामीणों ने कभी उम्मीद लगाई थी कि उनके इलाकों से भी रेल का इंजन सीटी बजाते हुए गुजरेगा और वह अपने परिवार के साथ रेल में सफर करेंगे। मगर रेलवे और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते यह संभव नजर नहीं आ रहा है।
दिसम्बर 2005 में रेलवे ने उपेक्षित इलाके में अनूपगढ-रामगढ नई रेल लाईन बिछाने का फैसला किया और रेल बजट में सर्वे के लिए राशि स्वीकृत कर दी और उस समय उतर पश्चिम रेलवे जोन के मुख्य अभियंता (निर्माण) जेबी भण्डारी ने इसका प्रारम्भिक सर्वे किया।
सर्वे के मुताबिक रेल लाईन अनूपगढ से खाजूवाला, बज्जू, नाचना, बीकमपुर होते हुए रामगढ़ तक बिछाई जानी थी। सर्वे में ट्रैफिक, यात्रियों और किलोमीटर का आकलन किया गया। सर्वे में भण्डारी के साथ उप मुख्य अभियंता एसके जिन्दल, अधिशासी अभियंता एससी वर्मा भी साथ थे।
अनूपगढ-रामगढ नई रेल लाइन का सर्वे होने से क्षेत्र के लोगों को आस बंधी थी मगर अन्तिम रूप नही दिए जाने से यह उम्मीद धूमिल हो गई। बज्जू क्षेत्र के ग्रामीणों ने केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद अर्जुनराम मेघवाल को कई बार अवगत करवाया लेकिन योजना को अमली जामा नहीं पहनाया नहीं जा सका।
ग्रामीणों को होगा लाभ
क्षेत्र में यह रेल लाइन शुरू हो जाए तो हजारों की तादाद में ग्रामीणों को फायदा होगा। इस रास्ते से रेल विभाग को भी फायदा होगा।
मांगीलाल भाम्भू, एवं भागीरथ ज्याणी, व्यापारी।
सांसद को करवाया अवगत रेल योजना के बारे में
बीकानेर सांसद को फिर से अवगत करवाया जाएगा ताकि पश्चिमी राजस्थान के किसानों को फायदा हो।
मंगलाराम खिलेरी एवं राजेन्द्र शर्मा, जनप्रतिनिधि