डायरिया के प्रकोप से नाराज ग्रामीणों ने बुधवार की शाम एक बैठक आयोजित की। ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि दूषित पानी की वजह से गांव में हर साल बारिश में लोग बीमार पड़ते हैं। लेकिन जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग इलाज की औपचारिता निभाकर चला जाता है। लेकिन इसका निराकरण पूरी तरह से बंद नहीं हो पा रहा है। गांव के सरपंच के नेतृत्व में निर्णय लिया गया है कि गांव में कलेक्टर को बुलाया जाए। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग, पीएचई और एनटीपीसी के अधिकारियों भी रहे। इनके सामने में यहां की समस्या पर चर्चा करेंगे। अधिकारी बताएंगे कैसे निराकरण होगा।
डायरिया के 18 मरीज मिले हैं। पीएचई ने पानी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। पंचायत भवन के अस्थाई कैंप में 5 मरीज भर्ती हैं। लोगों को साफ सफाई रखने और दूषित भोजन का सेवन नहीं करने की समझाइश दी गई है।
डॉ. बीबी बोर्डे, सीएमएचओ