मानसून के आकंड़ों में बारिश भले पर्याप्त माना जा रही है। लेकिन धान की फसल के लिए अब भी पर्याप्त बारिश नहीं हो पाई है। इसलिए सिंचित और असिंचित इलाके में खेतों में धान की बियासी, निंदाई करने के लिए मानसून वर्षा की काफी जरूरत है।
खंड वर्षा
जिले के तहसीलों में इन दिनों बारिश हो रही है। लेकिन यह खंड वर्षा हो रही है। किसी स्थान पर बारिश हो रही है तो उसके एक दो किमी. के दायरे में सूखा रहता है। कमोवेश जिले के अमूमन हर तहसीलों में यह समस्या बनी हुई है। इससे खेतों में धान की फसल के लिए अभी तक पर्याप्त पानी का ठहराव नहीं हो पाया है।
खूंटाघाट से पानी छोड़ा गया
जिले के मस्तूरी तहसील का काफी हिस्सा सिंचित क्षेत्र में है। इस तहसील में भी खेतों में पर्याप्त पानी नहीं होने की वजह से पहले एलबीसी से५ सौ क्यूसेक एवं आरबीसी से 75 क्यूसेक पानी नहर में छोड़ा जा रहा है।
तहसीलों में वर्षा की स्थिति
जिले में एक जून से अब तक 2842.2 मिमी. वर्षा हो चुकी है। बिलासपुर तहसील में 505.6 मिमी., बिल्हा में 582.3 मिमी., मस्तूरी में 586.6 मिमी. , तखतपुर में 562.3 मिमी. एवं कोटा तहसील में अब तक 605.4 मिमी. वर्षा का रिकार्ड दर्ज किया गया है।
जलाशय में 99.33 प्रतिशत पानी
खूंटाघाट जलाशय में सोमवार तक 99.33 प्रतिशत जलभराव हो गया है। किसानों की मांग पर एलबीसी व आरबीसी से प्रतिदिन 575 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
डीपी जायसवाल,एसडीओ,खारंग जल संसाधन संभाग,बिलासपुर
सूखे के फिलहाल हालात नहीं
जिले में सूखे के हालात नहीं हैं। बियासी का कार्य चल रहा है। हालांकि तय समय से यह कार्य पिछड़ गया है। इसमें किसानों ने कम धान की बोआई की थी, यह भी एक वजह है।
-अनिल कुमार कौशिक, सहायक संचालक कृषि,बिलासपुर