चुनाव में मतदान दलों को मतदान केन्द्रों पर मतदान सामग्री भिजवाने के लिए प्रशासन को वाहनों की जरूरत होती है। इन वाहनों की व्यवस्था क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी के जिम्मे होता है। 7 मई को होने वाले मतदान के लिए प्रशासन और पुलिस ने आरटीओ से वाहनों की मांग की है। इसमें बड़े और छोटे वाहन समेत कुल 1460 वाहन शामिल हैं। इन वाहनों में मुख्य रूप से ऐसे वाहनों की मांग की गई है, जिनकी संख्या कम है या जिले में उपलब्ध ही नहीं हैं।
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प्रशासन और पुलिस की सूची में 412 मिनी बस की मांग की गई है और जिले में मात्र 180 ही उपलब्ध हैं। इसी प्रकार 15 सीएपीएफ बसों वाहनों की मांग की है और जिले में एक भी बस उपलब्ध नहीं हैं। वहीं प्रशासन ने बस, मिनी बस या जीप की जरूरत को ध्यान में रखते हुए 190 वाहनों की मांग की है, लेकिन आरटीओ के पास रिकार्ड में सिर्फ 81 वाहन ही जिले में उपलब्ध हैं यानि 109 वाहनों की व्यवस्था भगवान भरोसे है।
विधानसभा चुनाव 2023 चुनाव में जिला प्रशासन की ओर से करीब साढे 12 सौ छोटे और बड़े वाहन अधिकृत किए गए थे। इन वाहनों में बड़े वाहनों के मालिकों को भुगतान हो गया है, लेकिन अधिकांश छोटे वाहनों के मालिक भुगतान के लिए निर्वाचन कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं।
अधिकारी शिव कुमार बनर्जी ने कहा कि चुनाव संपन्न कराने के लिए मतदान दलों को रवाना करने से लेकर मतदान केन्द्रों तक व्यवस्था कराने के लिए वाहनों की जरूरत होती है। आरटीओ से वाहनों की मांग की गई है। मांग के अनुरूप वाहन नहीं मिलने पर जबरदस्ती दूसरे राज्य के वाहनों को अधिकृत कर चुनाव कराया जाएगा।