जानकारी के अनुसार रेलवे क्षेत्र स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 2 में कक्षा पांचवी से क्लास लगती है। जिसमें रेलवे कर्मचारी के बच्चों सहित आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बच्चे अध्ययन करते हैं। मंगलवार को सुबह सभी बच्चे अपने परिजनों के साथ स्कूल पहुंचे। स्कूल का दूसरा दिन होने के कारण बच्चे काफी उत्साहित थे। अभी परिजन बच्चों को स्कूल छोड़कर घर पहुंचे थे कि उन्हें बच्चों ने फोन करना शुरु कर दिया। बच्चों ने रोते हुए बताया कि फीस जमा न करने पर स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें क्लास में बैठने नहीं दिया और स्कूल से भगा दिया। परिजनों ने जब इसकी शिकायत प्रिंसिपल से करनी चाही तो उन्हें स्कूल के मेन गेट से वापस कर दिया। पालकों ने इसकी शिकायत तोरवा थाने में की। थाना प्रभारी के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ और बच्चों को क्लास में बैठने दिया गया।
कोई सूचना नहीं दी गई
पालकों ने बताया कि स्कूल की फीस जमा न करने पर स्कूल प्रबंधन ने 35 बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया। वहीं जब यह बात प्रबंधन के समक्ष रखा गया तो उन्होंने बताया कि सभी अभिभावकों के मोबाइल नंबर डिलीट हो चुका है, जिसके कारण हम किसी को फोन पर सूचना नहीं दे पाए। मालूम हो कि स्कूल के रजिस्टर में सभी अभिभावकों के मोबाइल नंबर व घर का पता दर्ज रहता है। इसके बाद भी सूचना न देना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है।
पालकों ने बताया कि स्कूल की फीस जमा न करने पर स्कूल प्रबंधन ने 35 बच्चों को स्कूल से बाहर निकाल दिया। वहीं जब यह बात प्रबंधन के समक्ष रखा गया तो उन्होंने बताया कि सभी अभिभावकों के मोबाइल नंबर डिलीट हो चुका है, जिसके कारण हम किसी को फोन पर सूचना नहीं दे पाए। मालूम हो कि स्कूल के रजिस्टर में सभी अभिभावकों के मोबाइल नंबर व घर का पता दर्ज रहता है। इसके बाद भी सूचना न देना स्कूल प्रबंधन की लापरवाही को दर्शाता है।
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