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9 वर्षीय प्रियांशु की खोजबीन शुरू की गई। गठित छह टीमें हर रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगालने लगी। लेकिन पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लगा। थक हार कर पुलिस की टीम ने दुबारा पचपेड़ी पहुंच, प्रियांशु के होने वाले जीजा से पूछताछ की तो वह सुबह दिए बयान व शाम को दिए बयान में बदलाव आने लगा। शंका होने पर जब कड़ाई से पूछताछ शुरू हुई ओम नायक ने प्रियांशु की हत्या कर शव को पचपेड़ी के कन्या छात्रावास परिसर के पीछे झाडी में पत्थर के नीचे छुपाने की बात स्वीकार कर ली।हत्या की वजह बताया प्रियांशु का गाली बकना
ओम नायक ने बताया कि वह और प्रियांशु सुबह 10 बजे खेल रहे थे इस दौरान प्रियांशु उसे गाली बकने लगा। गाली बकने से नाराज होकर उसनें पहले प्रियांशु का मुंह दबाया और फिर गुस्से में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
बचने के लिए बनाई अपहरण की झूठी कहानी
9वर्षीय प्रियांशु की हत्या करने के बाद उसके होने वाले जीजा ने अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी और प्रियांशु की मां राजो बाई का फोन आने अपहरण की झूठी कहानी सुना दी। शव को पचपेड़ी के शासकीय प्री मै. अनुजाति कन्या छात्रावास परिसर के अंदर झाड़ियों के बीच पत्थर से दबा दिया।
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जिस लड़की से करना चाहता था शादी व नाबालिग
पुलिस की जांच में पता चला की ओम नायक जिस लड़की से शादी करना चाहता है वह नाबालिग थी। दोनों के बीच चल रहे प्रेम प्रसंग को देखते हुए किशोरी के परिजनों ने सगाई करने के बाद ही दोनों के मिलने जुलने की इजाजत देने की बात कही थी। इस आरोपी ने रविवार को परिजनों को मिलने बुलाने का झांसा दिया था।
पुलिस ने ऐसे पकड़ा झूठ
अपहरण की झूठी अफवाह फैलाने के बाद पुलिस को उस संदेह न इसके लिए वह दिन भर पुलिस के साथ प्रियांशु को खोजने का नाटक करता रहा। पुलिस ने जब पूछा की युवक अकेले आया है उसका परिवार कहा है। पुलिस की संदेह की सुई तब और पक्की हो गई जब पता चला की ओम के पिता मानिसक रोगी है और प्रेम नगर अम्बिकापुर में ही रहते है।
1 माह से बड़ी मां के घर में रह रहा था
पुलिस ने जब ओम नायक की बड़ी मां से पूछताछ की तो पता चला ओम एक माह से उसके साथ ही रह रहा है और ओम की मां पचपेडी में रहती है। वह पिछले एक माह से उसके साथ ही रह रहा था। बडी मां को नहीं पता था कि ओम के परिजन रविवार को आ आने वाले है।
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रायपुर एडिशल एसपी संजय ध्रुव ने कहा, ओम नायक पुलिस व अपने होने वाले सास ससुर को गुमराह करने के लिए प्रियांशु के अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। सुबह 10 बजे ही उसकी हत्या हो चुकी थी। पुलिस ने जब परिजनों व ओम की बड़ी मां से जानकारी ली तो पता चला ओम और प्रियांशु रोजाना खेलते रहते थे। सबसे पहले ओम ने ही प्रियांशु के अपहरण की कहानी बताई थी। शव को बरामद करने की प्रक्रिया चल रही है।