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बिलासपुर

सिम्स के चार और डॉक्टरों पर गिरी गाज, 7 पहले ही नप चुके हैं, अस्पताल में आग लगने से हुई थी नवजातों की मौतें

सिम्स प्रशासन ने आगजनी की घटना के बाद आखिरकार चार डॉक्टरों को मंगलवार को सरगुजा मेडिकल कॉलेज के लिए कार्यमुक्त कर दिया। इसके पहले 3 डॉक्टरों को रिलीव किया जा चुका है।

बिलासपुरApr 17, 2019 / 12:31 pm

BRIJESH YADAV

Action on Four more doctors in bilaspur

सिम्स के चार और डॉक्टरों पर गिरी गाज, 7 पहले ही नप चुके हैं, अस्पताल में आग लगने से हुई थी नवजातों की मौतें

बिलासपुर. सिम्स प्रशासन ने आगजनी की घटना के बाद आखिरकार चार डॉक्टरों को मंगलवार को सरगुजा मेडिकल कॉलेज के लिए कार्यमुक्त कर दिया। इसके पहले 3 डॉक्टरों को रिलीव किया जा चुका है। इन चार डॉक्टरों के स्थानांतरण पर 15 अप्रैल तक हाईकोर्ट ने रोक लगा दी गई थी। तीन माह पूर्व गत 22 जनवरी की सुबह सिम्स के एनआईसीयू के नीचे इलेक्ट्रिक पैनल बोर्ड में शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। इस दौरान एनआईसीयू में 22 बच्चे भर्ती थे। आनन फानन में गंभीर बीमार बच्चों को धुंए से तरबतर एनआईसीयू से बाहर निकाल कर निजी अस्पतालों में ले जाकर भर्ती कराया गया। घटना के दिन ही एक बच्चे मौत हो गई, इसके बाद इस घटना से प्रभावित बच्चों की एक के बाद एक पांच मासूमों ने निजी अस्पतालों में दम तोड़ दिया। इस घटना से राजधानी रायपुर तक हड़कंप मच गया दूसरे दिन ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने यहां सिम्स पहुंचकर हालात का जायजा लिया, स्वास्थ्य मंत्री ने गंभीर लापरवाही पाए जाने पर यहां लंबे समय से जमे सात डॉक्टरों के स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया। इनमें से तीन डॉक्टर डॉ भानू प्रताप सिंह, डॉ अर्चना सिंह, और डॉक्टर भूपेंद्र कश्यप का तबादला जगदलपुर किया गया। डा भूपेंद्र कश्यप ने तो रिलीव आदेश मिलने के बाद जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन कर लिया लेकिन डॉ बीपी सिंह, डॉ अर्चना सिंह ने ज्वाइन नहीं किया। वहीं डॉ लखन सिंह, डॉ हेमलता ठाकुर, डॉ रमणेश मूर्ति और डॉ मधुमिता मूर्ति का तबादला सरगुजा किया गया परंतु वे बच्चों की पढ़ाई का हवाला देकर कोर्ट चले गए। कोर्ट ने 15 अप्रैल तक इन डॉक्टरों के तबादला आदेश पर रोक लगाई थी।
फिर कल से लागू होगा पास सिस्टम, मरीज को भर्ती करते समय काउंटर से जारी किए जाएंगे पास
तीन साल बाद सिम्स प्रबंधन ने फिर अनाधिकृत लोगों का प्रवेश रोकने के लिए गुरुवार से पास सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। तय योजना के तहत सुबह और शाम को मरीजों के मिलने का समय निर्धारित किया गया है। आम मरीजों के परिजनों को जहां 2-2 पास जारी किए जाएंगे वहीं आइ्र्रसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों को 1 पास जारी किया जाएगा। बेवजह अनाधिकृत प्रवेश से बिगड़ रही व्यवस्था को नियंत्रित करने के लिए सिम्स प्रशासन ने पूर्व की तरह फिर से प्रवेश के लिए फिर से पास सिस्टम लागू करने की तैयारी कर ली है। इसका उद्देश्य सिम्स में बेवजह की भीड़ को रोककर मरीजों के समुचित उपचार की व्यवस्था बनाना है। अभी 1-1 मरीज के साथ 10-10,12-12 लोग घुस जा रहे हैं कभी भी कोई देखने पहुंच जा रहा है जिससे मरीज के उपचार में दिक्कत आ रही है। इन्हीं सब गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए फिर से यह सिस्टम लागू किया जा रहा है।

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