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मॉब लिंचिंग छोड़िए साहब, यहां पुलिस कस्टडी में कौन कर रहा लड़कों की मानसिक रुप से हत्याएं, एक और बच्चा चढ़ गया सूली

locationबिलासपुरPublished: Jul 28, 2019 12:28:12 pm

Submitted by:

Murari Soni

Suicide in police custody: चोरी के आरोप में पहले केंद्रीय जेल मे रहा फिर बाल संप्रेक्षण गृह में किया गया शिफ्ट, मानसिक रुप से परेशान किशोर ने लगा ली फांसी

Again minor commits suicide in police custody

मॉब लिंचिंग छोड़िए साहब, यहां पुलिस कस्टडी में कौन कर रहा लड़कों की मानसिक रुप से हत्याएं, एक और बच्चा चढ़ गया सूली

बिलासपुर. बाल संप्रेक्षण गृह में चोरी के मामले में शुक्रवार रात दाखिल हुए 17 वर्षीय किशोर ने चंद घंटे के बाद रौशनदान में फंदा बांधकर फांसी लगा ली(Suicide in police custody)। शनिवार सुबह सुरक्षाकर्मी को किशोर की लाश फांसी(hanging)के फंदे पर लटकती मिली। इसके पहले अंबिकापुर और क्षेत्र के अन्य जगहों पर कैदी द्वारा खुदकुशी(Prisoner suicide) की गईं।
वहीं किशोर की मौत के बाद प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मच गया। पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों व न्यायाधीश ने मौके पर पहुंचकर जांच की। मामले में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। इस मामले में खास बात निकल कर यह सामने आ रही है कि किशोर को पूर्व में केंद्रीय जेल में रखा गया था। बाद में जब पता चला कि ये नाबालिग है तो इसे बाल संपे्रक्षण गृह में शिफ्ट किया गया। केंद्रीय जेल में वो सात दिनों तक था। वहीं संप्रेक्षण गृह में आए उसे चंद घंटे ही हुए थे जब उसने फंासी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में संप्रेक्षण गृह प्रबंधन से लेकर प्रशासनिक महकमे तक कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।
जानकारी के अनुसार अशोक नगर मुरुम खदान निवासी 17 वर्षीय किशोर पिता के साथ बाइक रिपेयरिंग का काम करता था। 19 जुलाई को पुलिस ने किशोर व उसके साथी लोकेश वैष्णव को चोरी के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। करीब 7 दिनों तक लोकेश के साथ आरोपी किशोर केन्द्रीय जेल में था। परिजनों को यह पता चला कि नाबालिग बेटे को केन्द्रीय जेल भेजा गया है तो उन्होंने वकील के माध्यम से सरकंडा टीआई संतोष कुमार जैन को इसकी जानकारी भेजी। पुलिस ने किशोर के स्कूल के सर्टिफिकेट परिजनों व स्कूल से निकलवाने के बाद किशोर को केन्द्रीय जेल से निकालकर 26 जुलाई को रात 8 बजे बाल संप्रेक्षण गृह में दाखिल किया था। शुक्रवार रात बाल संप्रेक्षण गृह में सभी 46 किशोर पहली मंजिल पर बने सोने के कमरे में सो रहे थे। रात में किशोर ने तकिए के कव्हर को फाडकऱ फंदा बनाया और रौशनदान में फंदा फंसाकर फांसी लगा ली। शनिवार सुबह 6 बजे बाल संप्रेक्षण गृह के बच्चे सोकर उठे तो फांसी पर किशोर की लाश देखकर उनकी आंखें फटी की फटी रह गई।
घटना के बाद मचा प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप
किशोर के फांसी पर लटकने की खबर से प्रशासनिक महकमे में हडक़ंप मच गया। संप्रेक्षण गृह की अधीक्षिका अनुराधा सिंह मौके पर पहुंचीं। इसके बाद घटना की सूचना मिलने पर तहसीलदार एनपी गबेल व जिला कोर्ट के न्यायाधीश भी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मौके का मुआयना किया।
3 घंटे बाद पुलिस व 4 घंटे के बाद परिजनों को दी सूचना
घटना की जानकारी सुबह 6 बजे बाल संप्रेक्षण गृह के कर्मचारियों को हो गई थी। संप्रेक्षण गृह से घटना की सूचना पत्र के माध्यम से सुबह 9 बजे सरकंडा थाना भेजी गई। सूचना मिलने पर सरकंडा टीआई संतोष जैन, सीएसपी कोतवाली विश्वदीपक त्रिपाठी, सिविल लाइन टीआई कलीम खान, तारबाहर थाना प्रभारी जेपी गुप्ता समेत भारी संख्या में पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे। करीब 11 बजे पुलिस कर्मी किशोर के पिता के पास पहुंचे और उन्हें बाल संप्रेक्षण गृह में बेटे को दिखाने की बात कही और बाल संप्रेक्षण गृह लेकर पहुंचे।
सुलगते सवाल
1. आरोपी किशोर था तो बिना जांच किए पुलिस ने किस आधार पर उसे केन्द्रीय जेल भेज दिया।
2. बाल संप्रेक्षण गृह में शुक्रवार रात 8 बजे किशोर को दाखिल किया गया तो ऐसा क्या हुआ कि उसने चंद घंटों में फांसी लगा ली
3. क्या बाल संप्रेक्षण गृह में माहौल ठीक नहीं था
4 क्या बाल संप्रेक्षण गृह में हालत रहने के अनुकूल नहीं थे।
5. किशोर के फांसी लगाने की सूचना पुलिस को 3 घंटे और परिजनों को 5 घंटे के बाद क्यो दी गई
6. घटना के बाद बाल संप्रेक्षण गृह में अधीक्षिका और अन्य कर्मचारी क्या छिपाने का प्रयास कर रहे थे कि सूचना देने में लेटलतीफी हुई
7 बाल संप्रेक्षण गृह में सीसीटीवी कैमरे बंद क्यों थे, खराबी आने पर उसे दुरुस्त क्यो नहीं कराया गया था।
रोते बिखलते पिता ने कहा, देखभाल करते तो नहीं मरता मेरा बेटा
घटना के बाद किशोर के पिता ने कहा कि सरकंडा पुलिस यह जानती थी कि उसका बेटा नाबालिग है तो उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेजा जाना था। उसे पहले केन्द्रीय जेल भेजा गया था। वहां से शुक्रवार रात उसे बाल संप्रेक्षण गृह भेज दिया गया था। कर्मचारी व अधिकारी देखभाल सहीं तरह से किए होते तो उनका बेटा नहीं मरता। उन्होंने मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
किशोरों के बीच हुई थी मारपीट
सूत्रों के अनुसार बाल संप्रेक्षण गृह में शुक्रवार को किशोरों के बीच किसी से मारपीट हुई थी। इसकी जानकारी मिलने पर किशोरों की पिटाई की गई थी। जिसके बाद बाल संप्रेक्षण गृह में डरे सहमे माहौल में किशोर थे। हलांकि प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है।
किशोर ने देर रात बाल संप्रेक्षण गृह में फंासी लगाई है। मामले में न्यायिक जांच चल रही है। इस संबंध में मैं कोई जानकारी नहीं दे सकती। जांच के बाद जानकारी दे पाऊंंगी।
अनुराधा सिंह, अधीक्षिका, बाल संप्रेक्षण गृह
सीसीटीवी कैमरे थे बंद
बाल संप्रेक्षण गृह में कुछ महीनों पूर्व सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। कैमरे खराब होने पर उसे तत्काल सुधरवाया जाना था, ताकि अंदर होने वाली दिनचर्या और रात में किशोरों पर निगरानी रखी जा सके, लेकिन संप्रेक्षण गृह की अधीक्षिका ने व्यवस्था में सुधार नहीं किया।
उसने जेल में कोई उल्टी-सीधी हरकत नहीं की
आरोपी किशोर(Prisoner suicide)को पुलिस ने 19 साल का होने का हवाला देकर कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट के आदेश पर उसे 19 जुलाई को जेल दाखिल किया गया था। 7 दिनों तक वह प्रहरियों की निगरानी में था और ठीक-ठाक था। उसने जेल में उल्टी सीधी हरकत नहीं की थी। शुक्रवार रात उसे स्वस्थ हालत में बाल संप्रेक्षण गृह (Suicide in police custody) भेजा गया था।
एसएस तिग्गा, अधीक्षक केन्द्रीय जेल
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