scriptनिचली अदालतों में बुनियादी सुविधाएं नहीं शासन और विधि मंत्रालय से मांगा जवाब | Basic facilities not available in lower courts | Patrika News
बिलासपुर

निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाएं नहीं शासन और विधि मंत्रालय से मांगा जवाब

हाईकोर्ट: सुनवाई के दौरान उपचार के अभाव में अधिवक्ता की हुई थी मौत

बिलासपुरSep 06, 2018 / 04:42 pm

Amil Shrivas

high court

निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाएं नहीं शासन और विधि मंत्रालय से मांगा जवाब

बिलासपुर. प्रदेश की निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी और उससे उत्पन्न समस्याओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर जस्टिस प्रीङ्क्षतकर दिवाकर की युगलपीठ ने राज्य शासन और विधि मंत्रालय से जवाब तलब किया है। युगलपीठ ने 3 सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। याचिका अधिवक्ता पलाश तिवारी व अन्य द्वारा दायर की गई है, जिसमें पलाश पिटिशनर इन पर्सन हैं और मामले में पैरवी स्वयं कर रहे हैं। याचिका में प्रदेश की निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी और उससे होने वाली समस्याओं का जिक्र किया गया है। याचिका में बताया गया है कि प्रदेश की अनेक निचली अदालतों में बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने योग्य पानी, शौचालय, अग्रिशमन यंत्र और प्राथमिक उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कुछ वर्ष पूर्व जिला न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान एक अधिवक्ता की तबीयत बिगड़ गई, न्यायालय में प्राथमिक उपचार की सुविधा नहीं होने के कारण अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में उसकी मौत हो गई थी।
बुजुर्ग और महिलाओं से संबंधित 20 लाख मामले निचली अदालतों में लंबित
याचिकाकर्ता पलाश तिवारी ने याचिका में बताया है कि प्रदेश की विभिन्न निचली अदालतों में 20 लाख मामले महिलाओं और बुजुर्गों से संबंधित हैं। सुनवाई के दौरान इन्हें लगातार न्यायालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। लेकिन सुनवाई के दौरान या अपनी बारी के इंतजार में इनके उठने-बैठने या पीने के पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसके कारण इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो