डॉ. प्रोजित कुमार, डॉ अभिषेक रे समेत 6 प्रशिक्षुओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं के वकील का कहना था कि याचिकाकर्ता एमबीबीएस हैं। रायपुर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (रिम्स), रायपुर में वे इंटर्न हैं। उन्होंने मई 2021 से मई 2022 तक इंटर्नशिप में भाग लिया, लेकिन याचिकाकर्ताओं को स्वीकार्य स्टाइपेंड का भुगतान नहीं किया गया। सुनवाई के बाद सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ताओं को 3 अप्रैल, 2024 से 6 अप्रैल, 2024 के बीच की अवधि के भीतर प्रबन्धन से संपर्क करने की स्वतंत्रता देते हुए याचिका निराकृत कर दी। कोर्ट ने निर्देशित किया कि याचिकाकर्ताओं के दावों पर कानून के अनुसार विचार किया जाए।