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बिलासपुर

सीजी बोर्ड के निजी स्कूल भी कमीशनखोरी के धंधे में उतरे, डीईओ ने बंद कर ली आंखें

जिम्मेदार हो गए खामोश: महंगी किताबें और गाइड की खरीदी को बना दिया अनिवार्य

बिलासपुरApr 02, 2019 / 08:18 pm

Amil Shrivas

EDUCATION  BUSINESS

सीजी बोर्ड के निजी स्कूल भी कमीशनखोरी के धंधे में उतरे, डीईओ ने बंद कर ली आंखें

बिलासपुर. केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में स्टेशनरी व किताबों के नाम पर चल रहे धंधे में अब सीजी बोर्ड के निजी स्कूल भी शामिल हो गए हैं। सबसे गंभीर बात यह है कि इन स्कूलों ने मान्यता तो सीजी बोर्ड से ली है लेकिन कोर्स सीबीएसई का चला रहे हैं और किताबें भी निजी प्रकाशकों की। शिक्षा विभाग के अधिकारी इन दोनों तरह के स्कूलों में हो रही मनमानी रोकने के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
शहर के अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की पसंद की दुकानों से खरीदी करने के लिए पड़ रहे दबाव से पालक तंग आ चुके हैं लेकिन उन्हें किसी प्रकार की राहत नहीं मिल रही है। इसकी वजह यह है कि इन स्कूलों की इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार विभाग खामोश हैं। एक तरह से संरक्षण दे रहे हैं। सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों की राह पर अब शहर के कई निजी स्कूल भी चल पड़े हैं, जो सीजी बोर्ड से संबद्ध हैं। इन स्कूलों में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्धारित पुस्तकों के अलावा निजी प्रकाशकों की पुस्तकें चलायी जा रही हैं। ये पुस्तकें भी महंगी हैं। स्कूल संचालकों ने पालकों को किताबों व स्टेशनरी की सूची प्रकाशकों व बुकसेलरों को पकड़ा दी है,या फिर मौखिक रूप से पालकों को दुकान के बारे में सूचित कर दिया है। ऐसे में पालक इन दुकानों से खरीदी कर रहे हैं। एक पालक का कहना है कि यह शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी है कि निरीक्षण करके स्कूलों की इन गतिविधियों पर रोक लगाए। उधर डीईओ आरएन हीराधर का जवाब है कि जब शिकायत आएगी तो कार्रवाई होगी।
सीजी बोर्ड से संबद्ध कुछ निजी स्कूल
विनर्स वैली, पुष्परााज, हरी मॉडल, सेंट जोजेफ इंग्लिश स्कूल, एमजीएम, टिवंकल नर्सरी, होली क्रास, ओम विद्या मंदिर, लिटिल किंगडम, तक्षशिला, शांति निकेतन, पुष्कर कान्वेंट, अंकित विद्यालय, मोहंती अंग्रेजी माध्यम स्कूल, विद्या निकेतन, फेयरी क्वीन स्कूल आदि प्रमुख स्कूल हंै।
8वीं तक हेल्थ एंड फिजिकल विषय अनिवार्य
सीबीएसई ने नए सत्र 2019-20 से कक्षा एक से आठवी ंतक के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य रूप से हेल्थ एंड फिजिकल एजूकेशन (एचपीई) विषय लागू कर दिया है। इसमें सीबीएसई से संबद्ध सभी स्कूलों से कहा गया है कि वे इस विषय का प्रतिदिन एक पीरियड रखें। इसमें खेल गतिविधियां व शारीरिक दक्षता के कार्यक्रम होंगे। ऐसा बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए किया जा रहा है। सीबीएसई इसके पूर्व सत्र में यह विषय कक्षा नौ से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए लागू कर चुका है। इस बार अब यह कोर्स कक्षा एक से बारह तक के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य हो गया है।
प्राचार्यों को निर्देश, छात्रों को पढ़ाएं सही कोर्स
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्राचार्यों को निर्देशित किया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों को निर्धारित कोर्स पढ़ाना सुनिश्चित करें। सीबीएसई के डायरेक्टर एकेडमिक्स डॉ.जोसेफ इमैनुअल की ओर से जारी निर्देशों में कहा गया है कि शिक्षक दसवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों को नेशनल फ्रेमवर्क 2005 में निर्धारित पाठ्यचर्या पढ़ाएं। प्राचार्यों की जिम्मेदारी है कि वे शिक्षकों को करकुर्लम के एक-एक पेज की जानकारी दें और उसे पढ़ाना सुनिश्चित कराएं। सीबीएसई की ओर से प्रकाशित सेंपल क्विश्चन पेपर भी हल कराएं ताकि विद्यार्थी परीक्षा में अधिक से अधिक अंक ला सकें

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