बिलासपुर

CG High Court: महिलाओं को 30% से ज्यादा आरक्षण की अनुमति नहीं

Bilaspur High Court News: कोर्ट ने अपने आदेश में वर्टिकल, होरिजेंटल आरक्षण को भी नए सिरे से स्पष्ट किया। लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2014 के लिए जारी मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

बिलासपुरJun 08, 2023 / 12:36 pm

Khyati Parihar

CG High Court

Chhattisgarh News: बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने महिलाओं के आरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। एक महिला आवेदक की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने कहा कि महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने अपने आदेश में वर्टिकल, होरिजेंटल आरक्षण को भी नए सिरे से स्पष्ट किया। लोक सेवा आयोग (पीएससी) 2014 के लिए जारी मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
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सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्टों के फैसलों का हवाला

हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट और अन्य हाईकोर्टों के फैसलों का हवाला देते हुए वर्टिकल, होरिजेंटल आरक्षण को स्पष्ट किया। कोर्ट ने कहा है कि वर्टिकल आरक्षण 50% अनारक्षित (BILASPUR NEWS)और 50% एससी, एसटी और ओबीसी के लिए है। एससी, एसटी व ओबीसी को वर्टिकल आरक्षण का लाभ दिया जाता है और शारीरिक रूप से विकलांगों को होरिजेंटल आरक्षण का लाभ दिया जाता है।
महिला 29 वें नम्बर पर थीं, मेरिट लिस्ट में भी नहीं

मामले में सुनवाई के दौरान बताया गया कि महिला 29वें नंबर पर थी, मेरिट लिस्ट में उनका नाम नहीं था। ऐसे में उन्हें चयन सूची को चुनौती देते हुए याचिका दायर करने का भी अधिकार नहीं था। वहीं पीएससी की तरफ से जानकारी दी गई कि नियमों का पालन करते हुए मेरिट (CG NEWS) लिस्ट जारी की गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने महिला की याचिका खारिज करते हुए उनके पक्ष में जारी अंतरिम आदेश निरस्त कर दिया। कोर्ट ने प्रतिवादी अधिकारी की कोई गलती नहीं होने के कारण उन्हें समेत अन्य को लाभ देने के आदेश दिए हैं।
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यह है मामला

बता दें कि पीएससी ने वर्ष 2014 में राज्य प्रशासनिक सेवा के विभिन्न पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था, इसमें डिप्टी कलेक्टर के 21 पद शामिल थे। 21 पदों में से 9 पद अनारक्षित, 2 पद एससी, 7 पद एसटी और 3 पद ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित थे, इसमें से महिला आरक्षण के तहत 2 पद अनारक्षित महिला और 2 पद एसटी वर्ग की महिला प्रतिभागी के लिए आरक्षित थे। विज्ञापन के अनुसार ओबीसी महिला के पद आरक्षित नहीं थे। चयन प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेरिट में 10 वें नंबर पर ओबीसी वर्ग के प्रतिभागी ओंकार यादव का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ।
पीएससी की मुख्य परीक्षा में शामिल रही हिमशिखा साहू ने हाईकोर्ट में इसे चुनौती देते हुए कहा कि ओबीसी महिला के लिए पद आरक्षित होने पर उनका चयन ओंकार (high court news) यादव की जगह होना था। प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला के पक्ष में अंतरिम आदेश दिया था। इस बीच यादव ने जीएसटी डिपार्टमेंट में ज्वाइन कर लिया, वे वर्तमान में असिस्टेंट कमिश्नर हैं।
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