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बिलासपुर

चारों खाने चित्त कैसे हो गई कांग्रेस, नेताओं का ओवर कान्फिडेंस या कुछ और…

ऐसा क्या हुआ की पलट गया पांसा, अब हार की वजह ढूंढेगी कांग्रेस

बिलासपुरMay 25, 2019 / 01:49 pm

Murari Soni

Congress will find reasons for defeat now

चरों खाने चित कैसे हो गई कांग्रेस, नेताओं का ओवर कान्फिडेंस या कुछ और…

बिलासपुर. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने धमाकेदार जीत हासिल की थी। लेकिन लोकसभा में बड़े अंतर से हार गई है। अब यदि नगर निगम सीमा की बात करें तो इसमें 66 वार्ड है। तीन वार्ड बिल्हा और सात वार्ड बेलतरा में आता है। इस ऐसे में तीन विधानसभा सीट आती है जिसमें एक में कांग्रेस दो में भाजपा के विधायक हैं। कांग्रेस 66 वार्ड में केवल पांच वार्ड जीती है। वहीं 61 वार्ड में भाजपा ने जीत हासिल की है। लोकसभा में हार का बड़ा अंतर के कारणों को पता लगाने समीक्षा की जाएगी।
विधानसभा में धमाकेदार जीत के बाद कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। मगर ऐसा हो न सका। बिलासपुर लोकसभा सीट पर हर किसी की निगाह टिकी हुई थी। मगर यह सीट भी कांग्रेस बडे अंतर से हार गई। इस लोकसभा सीट में बिलासपुर नगर निगम की तीन विधानसभा सीट आती हैं, जिनमें से दो पर भाजपा के और एक में कांग्रेस से विधायक हैं। निगम के 66 वार्डों में से 24 में कांग्रेस के पार्षद हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल को साढ़े 11 हजार वोटों से हराया था। वहीं लोकसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा से 40 हजार 800 वोट से हार गई। बिल्हा के तीन और बेलतरा के सात वार्ड को लेकर चले तो लगभग 53 हजार मतों से कांग्रेस को पराजय मिली है। कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि सिर्फ पांच वार्ड में कांग्रेस जीती है। शेष वार्ड में भाजपा को रिकार्ड मतों से जीत हासिल हुई है।
बड़ा सवाल बन रहा है
ऐसे में अब सवाल खड़ा होता है कि क्या कांग्रेस यहां भीतरघात के कारण हारी या फिर कांग्रेस के नेताओं ने काम नहीं किया। या फिर संगठन के नेताओं के ओवर कांफिडेंस भी इसका कारण रहा। बताया जाता है अब कांग्रेस इन सभी मुद्दों पर मंथन करने की तैयारी में है। क्योंकि यह हार बहुत बड़ी है। जबकि माना जा रहा था कि हार चाहे जिसकी भी हो, पर हार का अंतर बहुत कम होगा।
ब्लाक में भी पिटे
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि ब्लाक एक को छोड़कर तीन ब्लाक में जमकर हारेे हैं। इसकी भी समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा अन्य विधानसभा में भी बारी बारी समीक्षा की जाएगी। हालांकि इस बात की जानकारी नहीं मिल पाई है कि समीक्षा बैठक कब और कहां किया जाएगा। फिलहाल कांग्रेसी हार के गम में डूबे हुए हैं।
सिर्फ दो सीट कांग्रेस के पास
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बिलासपुर व तखतपुर के सीट जीती है। मुंगेली, बिल्हा, मस्तुरी, बेलतरा में भाजपा का कब्जा है। वहीं कोटा, लोरमी व मरवाही में जोगी कांग्रेस का कब्जा है। जोगी पार्टी से कोई मैदान में नहीं था इसके बावजूद कांग्रेस को भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
लोकसभा चुनाव में बसपा समेत 23 प्रत्याशियों की जमानत जब्त

बिलासपुर विस में भाजपा-कांगे्रस में रिकॉर्ड अंतर
बिलासपुर पत्रिका. लोकसभा चुनाव में भाजपा, कांगे्रस को छोड़कर सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। इसमें राष्ट्रीय दल बसपा भी शामिल है। बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने कांगे्रस को सर्वाधिक वोटों के अंतर से पराजित करने का रिकार्ड बना दिया। कांगे्रस को केवल मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में मामूली बढ़त मिली। लोकसभा चुनाव का परिणाम बुधवार को घोषित किया गया। इसमें भाजपा के विजयी प्रत्याशी अरुण साव ने कांगे्रस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव को पराजित किया। इन दोनों दलों के प्रत्याशियों को छोड़कर बसपा समेत सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई। राष्ट्रीय दल बसपा को इस चुनाव में केवल 21180 वोट मिलें । 6 माह पहले विधानसभा चुनाव में बसपा ने अकेले मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में पचास हजार से अधिक वोट हासिल किया था।
ये भी रिकार्ड बना बिलासपुर विस में
लोकसभा चुनाव में आठ विधानसभा क्षेत्र है। इन विधानसभाओं में सबसे अधिक लीड भाजपा को बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र से मिलीं है। 6 माह पहले करीब दस हजार वोट से हारने वाली भाजपा ने लोकसभा चुनाव में कांगे्रस को भारी अंतरों से पराजित किया है। भाजपा ने इस क्षेत्र से कांगे्रस को 40484 वोटों के अंतर से पराजित किया है। अब तक के चुनाव में इस क्षेत्र से कांगे्रस लोकसभा चुनाव में कभी भी इतने वोटों के अंतर से पराजित नहीं हुई थी। पिछले कई लोकसभा चुनाव के परिणाम पर नजर डालें तो कांगे्रस के लिए सर्वाधिक वोटों का अंतर मुंगेली और लोरमी विधानसभा क्षेत्र रहा। इस मिथक को इस बार भाजपा ने तोड़ दिया । अब भाजपा के रिकार्ड में सबसे अधिक मतों से कांगे्रस को पराजित करने का कीर्तिमान बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में बन गया है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी अरुण साव को 88207 वोट मिलें। वहीं कांगे्रस प्रत्याशी अटल श्रीवास्तव को 47723 वोट ही मिल पाया।
बिल्हा भी पीछे हो गया
बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के वोटों की लीड विधानसभा चुनाव की अपेक्षा लगभग 19 हजार धट गई। इस सीट से वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक प्रतिनिधित्व कर रहे है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट से 10333 वोटों के अंतर से कांगे्रस को पराजित किया है। हालांकि विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने कांगे्रस को 29 हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। लोकसभा चुनाव में यह अंतर कम हो गया। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को 90521 और कांगे्रस को 80188 वोट मिला है।
तखतपुर में रचा इतिहास
तखतपुर विधानसभा क्षेत्र का वर्तमान में कांगे्रस विधायक रश्मि सिंह है। विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा में जमकर भीतरघात होने पर भाजपा प्रत्याशी हर्षिता पांडेय तीसरे स्थान पर पहुंच गई थी। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहने और जिन लोगों ने विधानसभा चुनाव में भीतरघात किया था वे सभी लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए कार्य किए । इसके चलते इस सीट पर भाजपा ने कांगे्रस को 22001 मतों के भारी अंतर से पराजित किया। इस सीट पर भाजपा 82656 वोट और कांगे्रस को 60564 वोट मिले।
25 उम्मीदवारों को नकारने वाले 4365
लोकसभा चुनाव में भाजपा , कांगे्रस , बसपा समेत 22 निर्दलीय प्रत्याशियों को नकारने वालों की इस चुनाव में संख्या 4365 लोग रहे। यानि लोकसभा चुनाव में 4365 लोगों ने नोटा का उपयोग किया ।

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