जिसमें कहा गया है कि जब तक अत्यधिक आवश्यकन हो तब तक पार्टी की उपस्थिति जरूरीनहीं है। वहीं सभी जिले और सेशन जजव प्रिंसिपल जज, फैमली कोर्ट इस मामलेमें आवश्यक कदम उठाए ताकि कोर्टपरिसर में अनावश्यक भीड़ न लगे। अधिवक्ताओंको सलाह दी गई है कि अपने पक्षकारको तब तक नहीं बुलाएं जब तक कोर्टउन्हें उपस्थित होने को नहीं कहताहै।नहीं होंगे विपरीत आदेश पारित
हाईकोर्ट ने अपने एडवायजरी में कहा है कि वर्तमान मेंजो स्थिति है यदि उसके अनुसार यदि पार्टीउपस्थित नहीं होता है, या अधिवक्ता उपस्थित नहीं होते हैं तो कोई विपरीतआदेश पारित नहीं होंगे। आपराधिकमामलों में आरोपी की पेशी कोफेवरेवली कंसीडर करें। पहले रिमांडको छोड़कर आरोपी की उपस्थितिको मजिस्ट्रीयल या स्सेशल कोर्ट केसामने जोर नहींदिया जाना चाहिए। किसी विदेशीकी इंट्री अगले आदेश तक हाईकोर्ट परिसर में पूर्ण रूप सेप्रतिबंधित की गई है।
कोविड-१९ को लेकर हाईकोर्ट की ओर से पूरे प्रदेश के कोर्ट के लिए एडवायजरी जारी की गई है। महाअधिवक्ता कार्यालय से भी ऑफिस आर्डर इसको लेकर जारी किया गया है। सतीशचंद्र वर्मा, महाअधिवक्ता, सीजी हाईकोर्ट