एक समय ऐसा भी था जब लोग जेल जाने के लिए लाइनें लगाए थे, लेकिन जगह न होने का कहकर पुलिस खदेड़ती थी
देश के पहले चुनाव में क्या थे हालात जानिए सन् 1952 की कहानी, किशोरी लाल गुप्ता की जुबानी, सन् 1957 के चुनाव में पंडित नेहरू राजारघुराज सिंह स्टेडियम आए थे
एक समय ऐसा भी था जब लोग जेल जाने के लिए लाइनें लगाए थे, लेकिन जगह न होने का कहकर पुलिस खदेड़ती थी
बिलासपुर. कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता किशोरी लाल गुप्ता ने कहा कि सन् 1952 में जब देश का पहला चुनाव हुआ तो माहौल बिलकुल अलग था, इतना तामझाम और आपसी प्रतिद्वंदिता नहीं थी। विधानसभा और लोकसभा के लिए एक साथ मतदान होने के कारण आर्थिक भार और आचार संहिता के बहाने नहीं थे। सीनियर कार्यकर्ता होने की वजह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ मंच में उनके नजदीक होने का अवसर मिला।
उन्होंने बताया देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में कल कारखाने और बांधों के निर्माण हुए भिलाई स्टील प्लांट उनकी देन है जो प्रदेश के विकास और उन्नति में सहायक हुआ। संभवत: सन् 1957 के चुनाव में जब पंडित नेहरू राजारघुराज सिंह स्टेडियम में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे, तब मंच में उनके करीब रहा।
इमरजेंसी के बाद की वो घटना आज तक याद है, जब पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी के विरोध में पूरे देश में जेल भरो आंदोलन हुआ। मैं भी 9 दिन जेल में बंद रहा। जेल भर गयी है, जगह नहीं है कहकर अफसर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को खदेड़ते थे पर कोई बाहर जाने तैयार नहीं था।
यहां से पहली बार विधायक और मंत्री रहे डॉ श्रीधर मिश्रा ने जनहित के कार्य किए। वे कार्यकर्ताओं के प्रति आदर का भाव रखते और सभी से मिलते थे।
इमरजेंसी के बाद उत्पन्न हालात को अपने शब्दों में बयां किया
जेल भरो आंदोलन के दौरान कांगे्रसियों में था गजब का उत्साह
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