प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन द्वारा 82वीं शिव जयंती मंगलवार को मनाई गई। शाखा की संचालिका ब्रह्मकुमारी स्वाति ने शिव रात्रि के विषय में बताया। उन्होंने शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि शिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम रात्रि से एक दिन पहले मनाई जाती है। परमपिता परमात्मा शिव का अवतरण इस लोक में कलियुग के पूर्णान्त के कुछ समय पहले हुआ था जबकि सारी सृष्टि अज्ञान अंधकार में थी। इसलिए शिव का संबंध रात्रि से जोड़ा जाता है और परमात्मा शिव की रात्रि में पूजा को अधिक महत्व दिया जाता है क्योकि परमात्मा शिव ने अवतरित होकर तमोगुण और पापाचार का विनाश करके दु:ख और अशांति को हरा था। ब्रह्मकुमारी स्वाति बहन ने सभी भाई-बहनों से संकल्प करवाया कि मधुर बोल और व्यवहार द्वारा मिलनसार बन आपस में संस्कार मिलन करेंगे। अपने हर संकल्प, श्वास, समय और शक्ति रूपी खजाने को सफल कर सफलता स्वरूप बनेंगे। परिवर्तन की शक्ति से हर निगेटिव संकल्प को पाजिटिव में चेंज करेंगे।
शिवदर्शन मेले में पहुंच रहे श्रद्धालु : महाशिवरात्रि के अवसर पर सीएमडी कॉलेज मैदान में आयोजित की शिवदर्शन मेले में लोग महादेव के 12 ज्योर्तिलिंगों के दर्शन करने पहुंच रहे है। शाम को साढ़े सात बजे महाआरती का कार्यक्रम किया गया।