बिलासपुर

भाजपा के पूर्व मंत्री अमर ने लिखा कांग्रेस से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश को पत्र, कहा जीवनदायनी अरपा मैया के प्राधिकरण को क्यों कर रहे विघटित

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल (Former Minister Amar Agrawal)ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(Chief Minister Bhupesh Baghel) को पत्र लिखकर अरपा प्रोजेक्ट (Arpa Project)को विघटित नही करने का अनुरोध किया है।(CM Bhipesh baghel),(chhattisgarh latest news),(politics latest news)

बिलासपुरJun 13, 2019 / 12:48 pm

Murari Soni

भाजपा के पूर्व मंत्री अमर ने लिखा कांग्रेस से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश को पत्र, कहा जीवनदायनी अरपा मैया के प्राधिकरण को क्यों कर रहे विघटित

बिलासपुर. पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर अरपा प्रोजेक्ट को विघटित नही करने का अनुरोध किया है।पत्र में अमर ने कहा है कि ऐसा निर्णय लेने से पहले इस परियोजना से जुड़े सभी पहलुओं का परीक्षण स्वयं करे व बिना राजनीतिक विद्वेष के लोकहित ने उचित निर्णय लें। अमर ने अरपा प्रोजेक्ट को बिलासपुर के लिए जीवनदायीनी बताया है। पत्र में यह भी लिखा है कि मंथन सभाकक्ष मे कलेक्टर द्वारा बैठक लिए जाने से अरपा संरक्षित नहीं होगी। अमर ने लिखा है मीडिया से पता चला कि छत्तीसगढ़ सरकार अरपा विशेष क्षेत्र प्राधिकरण को विघटित करने का फैसला लेने वाली है। जबकि इसी परियोजना के जरिये ही बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा नदी को वास्तविक रूप से संरक्षित कर भविष्य का बिलासपुर गढऩा सम्भव है। पत्र के तीसरे पेज में बिलासपुर का एक नागरिक अमर अग्रवाल लिखा है।
अमर अग्रवाल ने अपने पत्र में विस्तार से समझाया है कि अरपा प्रोजेक्ट कि खासियत क्या है
1. यह परियोजना अपने क्रियान्वयन शुरू होने के अंतिम चरण में है। इसके जरिये अरपा को संरक्षित कर इससे जुड़े नाले नालियों के पानी को नदी के तट के समानांतर चैनल के जरिये अलग से उपचारित करना है।
2. इस प्रोजेक्ट में सड़कों का नेटवर्क भी प्रस्तावित है जिससे ट्रैफिक का समाधान होगा।
3. अरपा भैसाझार परियोजना के जरिये बारहो महीने पानी अरपा को मिल सकेगा।24 प्रतिशत जल आरक्षण करना प्रावधान किया गया है।
4. इस प्रोजेक्ट से जुड़े सम्बंदित मास्टर प्लान का प्रकशन हो चुका है। जिसमे भविष्य के बिलासपुर की झलक देखी जा सकती है।
5. इसमें रिवर बेड संरक्षण एम्बकमेन्ट, घाट निर्माण, बैराज, एनीकट 90 फुट का सड़क आदि समावेश किया गया है।
6. आपके निर्देश अरपा क्षेत्र में जमीन बिक्री लेने के लिए अनापत्ति लेने का प्रावधान खत्म करना दुखद है। अनापत्ति के प्रावधान का उद्देश्य सिर्फ यही था कि छोटे भू स्वामियों के हित जा संरक्षण हो और अरपा किनारे का अवैध विकास रोका जा सके। यह प्रक्रिया सरल थी और अनापत्ति की संख्या एक साल में सौ भी नही होती थी।
7. मैं मानता हूं 18 सौ करोड़ की इस वृहद योजना में लम्बी प्रक्रियाओं के कारण अपेक्षाकृत प्रगति दिखाई नहीं देती पर आप जैसे अनुभवी व्यक्ति के लिए समझना मुश्किल नही है कि इसमें वक्त लगना स्वाभाविक है।
8. मेरी मंशा इतनी है कि इस परियोजना से समस्त प्रशासकीय प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। पीपीआर बनाकर तैयार है। यदि आप आदेश दें तो इसमें तत्काल डीपीआर बनवाने के लिए निविदा जारी कर सकते हैं। जिसमें केवल एक महीने का समय लगेगा।
9. बीडीए को पुनर्जीवित कर यह परियोजना सौपने से यह और कठिन हो जाएगा। परियोजना को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैलाई गई है।
10. मेरा आपसे विनम्र निवेदन है किसी भी निर्णय के पूर्व एक बार इस परियोजना के संबंध में पूर्ण जानकारी लेकर ही उचित निर्णय लेने का कष्ट करें।
अमर की पाती
अमर ने यह भी लिखा है कि यह पत्र वे राजनीति,दल और पार्टी से हटकर लिख रहे है इसके जरिये वे अरपा प्रोजेक्ट को लेकर फैलाई गई भ्रांतियों के बारे में स्थिति स्पष्ट करने चाहते है।
इधर विधायक ने कहा भ्रम फैला रहे हैं पूर्व मंत्री
वहीं अमर की ओर से सीएम को लिखे गए पत्र का बिंदुवार जवाब बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने दिया और कई आरोप भी लगाए हैं। पांडेय ने कहा कि पूर्व मंत्री पत्र के माध्यम से भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी नाकामियों को छिपाने का प्रयास किया है। अग्रवाल अमर ने अपने 20 वर्षों के विधायक के कार्यकाल और 15 वर्षों के मंत्री के कार्यकाल में बिलासपुर शहर के साथ अन्याय किया है और अरपा के साथ सिर्फ खिलवाड़ किया है। अपने व्यवसायिक हितों को साधने के लिए ऐसी परियोजना लेकर आ गए थे जो वर्ग विशेष के लोगों को संरक्षित करने वाली थी। जिसके माध्यम से भू माफियाओं का खेल शहर में शुरू हो सकता था।

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1 यह परियोजना अपने क्रियान्वयन के अंतिम चरण में कभी नहीं रही। डीपीआर बनाने में करोड़ों का खेल हुआ है। 10 वर्ष पूर्व 2700 करोड़ के इस अविश्वसनीय प्रस्ताव को अमलीजामा 9 वर्षों में नहीं पहुंचाया जा सका है।
2 इस परियोजना में सड़कों का कोई भी नेटवर्क प्रस्तावित नहीं था। अरपा साडा परियोजना का उद्देश्य अरपा को संरक्षित नहीं करना था बल्कि अरपा के किनारे 2000 एकड़ की भूमि को बंधक बनाकर उसे व्यवसायिक हितों की पूर्ति करना था।
3 इस परियोजना से संबंधित मास्टर प्लान पूरी तरह से भ्रम फैलाने वाला है और बिना किसी सर्वे, ऑफिस में बैठकर बना दिया गया है इसमें टेम्स नदी, साबरमती नदी जैसे नदियों का उदाहरण देकर सब्जबाग दिखाने की कोशिश की गई है।
4 अरपा भैसाझार परियोजना बिलासपुर के लिए एक अभिशाप होने वाली है जिस बराज को पहले बिलासपुर में बनना था उसे भैसाझार में बना दिया गया। जिस 24त्न जल की बात पूर्व मंत्री कर रहे हैं उनकी जानकारी में शायद यह नहीं है की अरपा भैसाझार परियोजना में मात्र 17 एमसीएम पानी का भंडारण ही हो सकेगा और उसका 24त्न लगभग 3.6 एमसीएम होगा जबकि बिलासपुर में सालाना 35 एमसीएम पानी की आवश्यकता है।
5 पूर्व मंत्री यह बताएं की किन वरिष्ठ नागरिकों से उन्होंने अरपा के बारे में चर्चा की है जबकि पूर्व मंत्री का शहर की जनता से कभी कोई संपर्क रहा ही नहीं।
6 मंथन सभाकक्ष में यदि कोई समाधान नहीं निकलता है तो पूर्व मंत्री लगातार वर्षों तक मंथन सभागृह में क्या कर रहे थे और वहां क्यों मीटिंग लिया करते थे।

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