बादल कहते हैं गांधी ने अपने जीवन में कम से कम 5 करोड़ शब्द लिखे होंगे। एक भी शब्द उनमें से ऐसा नहीं जिसपर सोचा न गया। वे खुद कहते हैं एक-एक शब्द पूरी जिम्मेदार से लिखा गया है।
गांधी अपने राम के भी उतने ही भक्त बन जाते हैं। राजनीति के मसलों पर भी, सामाजिक मोर्चों पर एक-एक शब्द तौलकर सदियों तक जिंदा रहने वाला लिखते हैं। वाययरॉय ने उनके आश्रम में टेलीफोन लगवाया तो गांधी ने कहा यह क्यों, मुझे तो आपसे बात की जरूरत नहीं। तब वायसराय बोले मुझे आपसे बात करने की जरूरत है। वायसरॉय राम के भक्त गांधी के प्रभाव में चारपाई पर सोकर भी रात बिताता। कार्यक्रम के अंत में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चंदन यादव और कांग्रेस नेता एसपी चतुर्वेदी ने शॉल श्रीफल देकर राजेश बादल का सम्मान किया। इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार व कार्यक्रम के आयोजक द्वारिका प्रसाद अग्रवाल, सतीश जायसवाल, रामकुमार तिवारी, हरीश केडिया, संजय दुबे, अतुल कांत खरे समेत अनेक लोग मौजूद रहे।