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बिलासपुर

प्रतिमाओं की ऊचांई व चौड़ाई 4 फीट निर्धारित, कंटेनमेंट जोन में सार्वजनिक तौर पर नहीं बैठा सकेंगे मूर्ति

गणेश चतुर्थी शनिवार को है। सार्वजनिक स्थलों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार मूर्ति की ऊंचाई व चौडाई 4 फीट से अधिक नहीं होगी । मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 फीट से अधिक न होगा।

बिलासपुरAug 21, 2020 / 03:21 pm

Karunakant Chaubey

बिलासपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण एवं रोकथाम तथा वर्तमान में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए गणेश उत्सव में प्रतिमा की अधिकतम ऊंचाई व चौड़ाई 4 फीट से अधिक नहीं होगी। मूर्ति स्थापित करने वाले पंडाल का आकार 15 फीट से अधिक नहीं होगा। जिला प्रशासन ने उत्सव के लिए गुरुवार को गाइडलाइन जारी की है।

गणेश चतुर्थी शनिवार को है। सार्वजनिक स्थलों पर गणेश प्रतिमाओं की स्थापना के लिए जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार मूर्ति की ऊंचाई व चौडाई 4 फीट से अधिक नहीं होगी । मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 फीट से अधिक न होगा। पंडाल के सामने पर्याप्त खुली जगह हो तथा इससे सड़क अथवा गली प्रभावित न हो। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिए अलग से पंडाल नहीं होगा। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिए कुर्सी नहीं लगाए जाएंगे। किसी भी एक समय में पंडाल एवं सामने मिलाकर 20 व्यक्ति से अधिक न हों। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा ताकि उनमें से यदि कोई कोरोना संक्रमित मिले तो कांटेक्ट ट्रेसिंग किया जा सकेगा।

4 सीसीटीवी कैमरा लगाएगा

मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति कम से कम 4 सीसीटीवी कैमरे लगाएगा ताकि उनमें से यदि कोई भी कोरोना संक्रमित मिले तो कांट्रेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति अथवा समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

थर्मल स्क्रीनिंग,आक्सीमीटर पंडाल में जरूरी

मूर्ति स्थापित करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, आक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी संबंधित समिति की होगी। व्यक्ति या समिति के द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बांस-बल्ली से बैरिकेडिंग कराना अनिवार्य है। यदि कोई व्यक्ति जो मूर्ति स्थापना स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है तो इलाज की संपूर्ण खर्च मूर्ति स्थापना करने वाला व्यक्ति अथवा समिति द्वारा वहन किया जाएगा।

कंटेनमेंट जोन में अनुमति नहीं

कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विर्सजन के समय अथवा विर्सजन के पश्चात किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे। मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं भी रोकने की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए नगर निगम या पुलिस द्वारा निर्धारित मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्ततम मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कही भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल इत्यादि लगाने की अनुमति नहीं होगी।

स्थापना की अनुमति जरूरी, सूर्यास्त के बाद विसर्जन नहीं

सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रकिया की अनुमति नहीं होगी। उपरोक्त शर्तों के साथ घरों में गणेश मूर्ति स्थापित करने की अनुमति होगी। यदि घर के बाहर मूर्ति स्थापित की जाती है तो इसके लिए कम से कम 3 दिन पूर्व नगर निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ पत्र के साथ आवेदन देना होगा और अनुमति मिलने के बाद ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी। इस सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग मंत्रालय द्वारा जारी एसओपी का पालन करना भी अनिवार्य होगा। निर्देशों का उल्लघंन करते पाये जाने पर महामारी एक्ट के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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