महापौर ने ही दिया जवाब
अधिकार विकास के मुद्दों पर चर्चा के दौरान महापौर ने एक ही राग अलापा कि वर्तमान में शासन से पैसे नहीं आए हैं इसलिए विकास कार्यों के लिए मदद की मांग की गई। सभा में अधिकांश पार्षदों के सवालों पर महापौर ने प्रस्ताव शासन को भेजने की जानकारी देकर खानापूर्ति की। नगर निगम के पार्षदों के सवालों का सिर्फ महापौर ने ही जवाब दिया।
बता दें कि सभा से पहले विपक्षी दल भाजपा का बड़ा बयान सामने आया था। सभा को लेकर भाजपा ने कहा कि प्रस्ताव में सत्ताधारी सिर्फ अपना ही हित साध रहें हैं। इसमें कहीं से भी विकास होता हुआ नजर नहीं आ रहा है। शहर सरकार अभी कांग्रेस चला रही है। ऐसे में इस बार होने जा रही सामान्य सभा केवल दिखावे के लिए है। ऐसा इसलिए भी लग रहा है क्योंकि सामान्य सभा के 45 प्रस्ताव बनाए गए हैं। लेकिन एजेंडे में एक भी प्रस्ताव शहर के उन्न्ति और विकास के संबंध में नहीं है।
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75 प्रतिशत प्रस्ताव में तो केवल पेंशन हितग्राहियों का नाम है। वहीं 20 प्रतिशत प्रस्ताव में जाति निवास से संबंधित है। केवल एक या दो प्रस्ताव ऐसे हैं। जिसमें नाली निर्माण की बात कही गई है। ये प्रस्ताव भी पुराना है। ऐसे में आज होने वाले निगम के सामान्य सभा में इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष सत्तापक्ष को घ्ोरने की तैयारी कर रही है। आरोप है कि कांग्रेस नेता शहर विकास के मुद्दों को दूर कर केवल राजनीति कर रहें हैं। इसमें दिवंगत कांग्रेस नेताओं के प्रतिमा स्थापना के साथ ही मुख्यमंत्री की माता की प्रतिमा लगाने का भी प्रस्ताव सामान्य सभा में रखा जाएगा। ऐसे में इन प्रस्तावों में शहर के विकास को दूर कर दिया गया है।