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बिलासपुर

पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से याचिकाओं की हुई सुनवाई

राज्य और याचिकाकर्ता दोनों अधिवक्ताओं ने अपने निवास से प्रस्तुत किए पक्ष

बिलासपुरApr 10, 2020 / 01:43 pm

yogesh vishwakarma

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बिलासपुर. कोरोना संक्रमण के बीच छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इतिहास में गुरुवार को पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग से याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई। जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डबल बेंच ने उन पांच मामलों की सुनवाई की, जो जनहित याचिका के रूप में लॉकडाउन के दौरान नागरिक अधिकार, कोरोना संक्रमण और सुरक्षा से सम्बन्धित थे।
1. तबलीगी मामला

इस मामले में बेंच ने सरकार से कहा है कि निजामुद्दीन की मरकज में शामिल हुए तबलीगी जमात के 52 लोगों की वह तलाश करे और जमात के जिन 23 लोगों का ब्लड सैम्पल लिया गया है उनमें संक्रमण की स्थिति क्या है जल्द उजागर करे। इन मामलों में स्टेटस रिपोर्ट 13 अप्रैल को प्रस्तुत करने कहा गया है।
तबलीगी जमात को लेकर एक अन्य याचिका भी थी जिसमें कहा गया था कि वायरल लिस्ट में 150 से अधिक नाम हैं, जिस पर राज्य की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा -ऐसी किसी वायरल लिस्ट की कोई प्रामाणिकता नहीं है। हमें जिनकी तलाश थी वे 109 थे हमने उन्हें क्वारन्टाईन कर लिया है। इस पर हाईकोर्ट ने लिखित में आगामी 13 अप्रैल को स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अन्य मुद्दो पर 27 अप्रैल को स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है।
राज्य की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने सहयोगी चंद्रेश श्रीवास्तव और हरप्रीत अहलूवालिया के साथ अपने निवास से जबकि याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने अपने निवास से इन प्रकरणों पर पक्ष प्रस्तुत किया।
2. खाद्यान्न उपलब्धता

इस मामले में राज्य की ओर से जानकारी दी गई कि बीपीएल वर्ग को खाद्यान्न मुहैया कराया जा रहा है। जिन्हें राशन कार्ड नहीं मिले हैं उन्हें भी राशन दिया जा रहा है। वहीं पांच लाख से ऊपर की संख्या उन नागरिको की है, जिन्हें गर्म भोजन दिया जा रहा है। नागरिकों को लगातार सुरक्षा हेतु मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है।
3. शराब दुकान
लॉकडॉउन में शराब दुकानें बंद रहें इसके लिए दायर याचिका के जवाब में हाईकोर्ट ने 13 अप्रैल को राज्य से स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है।

4. कोरोना टेस्टिंग का मामला
याचिकाकर्ताओं ने कोरोना टेस्टिंग के लिए सिर्फ रायपुर और जगदलपुर में की गई व्यवस्था को नाकाफी बताते हुए बिलासपुर और प्रदेश के उत्तरी हिस्से अम्बिकापुर में भी टेस्ट लैब शुरू करने की मांग रखी है।
5. पुलिस की पिटाई का मामला
एक जनहित याचिका बिलासपुर में पुलिस द्वारा मारपीट को लेकर दायर की गई थी, जिस पर राज्य ने जवाब में स्पष्ट किया है कि, इस मामले में पीडि़त ने कोई शिकायत नहीं की है, लेकिन एसपी ने आरोपी अधिकारी को लाइन अटैच कर विभागीय जांच शुरू कर दी है।

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