पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को सुबह सूचना मिली की ओडि़शा बाइपास से एक बोलेरो वाहन से भारी मात्रा में गांजे की तस्करी (Hemp Trafficking)हो रही है। सूचना के आधार पर कोटा एसडीओपी अभिषेक सिंह व उनकी टीम अचानकमार तक सक्रिय हो गई थी। दोपहर 12 बजे पुलिस को पटैता से शिवतराई के बीच बोलेरो वाहन क्रमांक ओआर 10 एम 1060 दिखाई दिया। शंका के आधार पर पुलिस बल ने वाहन को रुकवाया।
पुलिस को देख आरोपी चालक व सहयोगी दोनों विपरीत दिशा में भागते हुए जंगल में गुम हो गए। तलाशी के दौरान पुलिस को वाहन से 40 पैकेट गांजा (Hemp Trafficking)(प्रत्येक पैकेट 5 किलो) कुल 200 किलो बरामद किया है। गांजे की अनुमानित कीमत पुलिस 60 लाख रुपए बता रही है। पुलिस ने गांजे को 20 एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त कर वाहन क्रमांक ओआर 10 एम 1060 की डिटेल आरटीओ से निकाल कर वाहन मालिक की तलाश कर कार्रवाई करने करने प्रयास कर रही है।
रतनपुर और कोटा क्षेत्र से होती है गांजे की तस्करी की वारदात
रतनपुर व कोटा मार्ग से गांजे की तस्करी मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश में बहुंत अधिक होती है। समय-समय पर हुई कार्रवाई में कई बडे मामले पुलिस ने पकड़े है। इससे पहले जब भी गांजा पकड़़ाया है। वह दुर्घटना होने के बाद लवारिस कार की तलाश में जब्त हुआ है।
उठ रहे सवाल
अब इस मामले में सवाल यह उठ रहा है गांजे की कीमत पुलिस किस हिसाब से तय कर रही है। पिछले सप्ताह तोरवा पुलिस ने एक महिला के यहां कार्रवाई की थी और वहां से दस किलो गांजा बरामद हुआ था। जिसकी अनुमानित कीमत पचास हजार से एक लाख रुपए बताई गई। ऐसे में एक किलो गांजा पांच से दस हजार रुपए किलो का हुआ। लेकिन कोटा पुलिस ने जो गांजा (Hemp Trafficking)पकड़ा है वो 30 हजार रुपए किलो का बताया जा रहा है। जिले के अन्य थानों में भी इसकी पड़ताल की गई वहां भी गांजा की कीमत पांच से दस हजार रुपए के बीच ही बताया गया। खुले बाजार में भी पांच ग्राम की पुडिय़ा पचास रुपए और ब्लैक में 100 रुपए की आती है।
भारी मात्रा में गांजा आने की सूचना मिली थी। मामले में संज्ञान लेते हुए टीम के साथ दबिश दी गई। पुलिस(bilaspur police)को देख वाहन चालक गाडी से उतर दो लोग अलग अलग दिशा में भाग गए। टीम को दोनों की तलाश में लगाया गया है। वही जब्त गांजे (Hemp Trafficking)की कीमत लगभग 60 लाख है।
अभिषेक सिंह, एसडीओपी कोटा