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बिलासपुर

हिंदू विवाह एक्ट को लागू करने में क्या आपत्ति, चार सप्ताह में शासन दे जवाब

सीजे पीआर रामचंद्र मेनन ने हिंदू विवाह अधिनियम के दुरुपयोग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन व अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।

बिलासपुरOct 16, 2019 / 11:57 am

Murari Soni

हिंदू विवाह एक्ट को लागू करने में क्या आपत्ति, चार सप्ताह में शासन दे जवाब

हिंदू विवाह एक्ट को लागू करने में क्या आपत्ति, चार सप्ताह में शासन दे जवाब

बिलासपुर पत्रिका. सीजे पीआर रामचंद्र मेनन ने हिंदू विवाह अधिनियम के दुरुपयोग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य शासन व अन्य पक्षकारों से चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
युगलपीठ ने पूछा है कि कंपलसरी मैरिज रुल्स 2006 को लागू करने व फैमिली कोर्ट एक्ट 9 के प्रावधानों को लागू करने में क्या आपत्ति है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने विवाह से जुड़ी समस्याओं को देखते हुए सभी राज्यों को अनिवार्य विवाह रजिस्ट्रेशन नियम बनाने व लागू करने को कहा था। छत्तीसगढ़ सरकार ने नियम तो बना लिया पर लागू नहीं किया है। याचिकाकर्ता रेशमा साहू ने हिंदू विवाह अधिनियम का दुरुपयोग किए जाने को लेकर याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि लोग-बाग फर्जा सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर बताते हैं कि शादी हो गई, जो बाद में गलत साबित होती है। इस चक्कर में कई परिवार टूट रहे हैं, पति व पत्नी को असहज स्थिति का सामना करना पड़ता है।
मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया। मंगलवार को मामले की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने राज्य शासन व अन्य पक्षकारों से मैरिज रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य करने और फैमिली कोर्ट एक्ट 9 के प्रावधानों के दुरुपयोग को रोकने के संबंध में जवाब देने को कहा है। युगलपीठ ने पूछा है कि फर्जी प्रकरणों में दंडात्मक कार्यवाही के प्रावधानों को लागू करने में क्या आपत्ति है। इसका जवाब चार सप्ताह में दें।

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