अब किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी, दो दिनों में कितना काम बचा है और इसे पूरा करने में कितना वक्त लगेगा प्रोग्रेस रिपोर्ट बताएं
एनएचएआई बन रहा मजबूर, हाईकोर्ट बोला 2 दिनों में दो काम की प्रोग्रेस रिपोर्ट, बिलासपुर-रायपुर फोरलेन निर्माण में देरी पर जताई नाराजगी
अब किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी, दो दिनों में कितना काम बचा है और इसे पूरा करने में कितना वक्त लगेगा प्रोग्रेस रिपोर्ट बताएं
बिलासपुर. राज्य शासन व नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने मंगलवार को हाईकोर्ट में अपना जवाब प्रस्तुत कर बताया कि रायपुर- बिलासपुर फोरलेन का काम तेजी से चल रहा है, लेकिन निर्माण कार्य में लगी एजेंसी पुंज अलाइड द्वारा काम रफ्तार से नहीं किए जाने के कारण 31 मई तक काम पूरा होना संभव नहीं है। इसमें एक-दो महीने का अतिरिक्त समय लग सकता है। इस पर सीजे रामकृष्ण मेनन व जस्टिस मनींद्र मोहन श्रीवास्तव की युगलपीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कभी आप सीमेंट की कमी का रोना रोते हो, कभी पेमेंट की समस्या बता कर काम समय पर पूरा नहीं होने की बात कहते हो। अब किसी प्रकार की बहानेबाजी नहीं चलेगी। अगले दो दिनों में कितना काम बचा है और इसे पूरा करने में कितना वक्त लगेगा। दो दिनों में अंडरटेकिंग जमा कर प्रोग्रेस रिपोर्ट बताएं। मामले की आगामी सुनवाई 17 मई को होगी।
युगलपीठ ने पिछली सुनवाई के दैरान निर्माण एजेंसियों एलएंडटी और पूंज एलायड के निदेशकों से 31 मई तक काम पूरा होने संबंधी अंडरटेकिंग जमा करने का निर्देश दिया था। मंगलवार को जब अंडरटेकिंग जमा करने की बारी आई तो शासन ने पुंज अलायड द्वारा काम धीमा किए जाने की बात कहते हुए अतिरिक्त समय दिए जाने की मांग कर दी। इस पर युगलपीठ ने निर्माण एजेंसियों और एनएच अथारिटी को फटकार लगाते हुए कहा अब कोई बहाना नहीं चलेगा, अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। अगले दो दिनों में अंडरटेकिंग जमा कर स्टेटस रिपोर्ट दें। इस मामले में पहले ही काफी देर हो चुकी है और 5 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। 18 महीने के काम को आखिर कब पूरा करेंगे। फोरलेन निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर रायपुर के रजत तिवारी ने अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई है। याचिका में सडक निर्माण कार्य में हो रहे विलंब के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए निर्माण कार्य में लगी कंपनियों व दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि लोगों को बिलासुर से रायपुर आने-जाने में साढ़े तीन से चार घंटे लगते हैं। सड़क की स्थिति काफी खराब है, अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। शासन इस मामले में ढिलाई बरत रहा है।
दो पुलों के निर्माण के साथ मुआवजा को बताया देरी की वजह
शासन एवं नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारियों ने एनएच निर्माण में हो रही देरी के लिए सड़क के बीच दो पुलों के निर्माण के साथ मुआवजा राशि में वितरण की गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। अधिकारियों ने कहा कि निर्माण कार्य के बीच दो पुलों का निर्माण कार्य पूरा करने में वक्त लग गया। इसके साथ ही पेटी कांट्रेक्टरों की भुगतान संबंधी समस्या भी देरी की वजह रही। हालांकि एनएच के अधिकारियों ने पेमेंट किए जाने का आश्वासन कोर्ट को दिया और बाद में भुगतान भी किया। इसके बावजूद 18 महीने के काम 67 महीने बीत जाने के बाद भी अब तक पूरा नहीं हुआ है।
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