हाईकोर्ट में करीब ढ़ाई वर्षों तक मामला लंंबित रहने के बाद अब विवि को कोर्स शुरु करने की सशर्त अनुमति दी गई है।हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद विवि के कुलसचिव डॉ.सुधीर शर्मा ने संबद्ध सभी कालेजों के विभिन्न विषयों के शोध केंद्र अध्यक्षों को पत्र जारी कर पीएचडी संबंधी कोर्स वर्क एवं संबंधित प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश दिये हैं।
कालेजों को कहा गया है कि जो छात्र प्रतीक्षा सूची में पहले से दर्ज हैं, उन अभ्यर्थियों को प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के 15 दिन पूर्व डाक या मेल से अनिवार्य रूप से सूचित करें। साथ ही उन छात्रों से लिखित में सहमति के साथ शपथपत्र भरवाएं कि वे पीएचडी कोर्स के लिए इच्छुक हैं या नहीं। छात्रों की सहमति या असहमति पत्र को अनिवार्य रुप से 15 मई तक विश्वविद्यालय में जमा कराने को कहा गया है
विश्वविद्यालय ने कालेज प्राचार्यों से उन छात्रों की भी जानकारी मांगी है, जिन्होंने चार वर्ष पूर्व पीएचडी कोर्स में पंजीयन समेत प्रवेश शुल्क भी जमा किया था। लेकिन इन चार वर्षों के दौरान कोर्स शुरु नहीं होने पर ऐसे अभ्यर्थी कहीं नियोजित हो गए हों या विवि से बाहर पढ़ाई कर रहे हों या किसी जॉब में आ गए हों। उनसे भी अनापत्ति प्रमाणपत्र लेने को कहा गया है। कालेज के एक प्राचार्य का कहना है कि यह पता लगाना मुश्किल काम है,फिर भी विवि के निर्देशों के अनुरूप काम किया जाएगा।
सशर्त अनुमति प्रदान की है सभी कालेजों व शोध केंद्रो को आनलाइन व पत्र के माध्यम से सूचित कर पीएचडी कोर्स शुरु करने को कहा गया है। इसके लिए 15 दिनों का समय दिया गया है। हाईकोर्ट ने पीएचडी कोर्स शुरु करने की सशर्त अनुमति प्रदान की है।
डॉ. सुधीर शर्मा, कुलसचिव
अटल बिहारी वाजपेयी विवि बिलासपुर