इसके खिलाफ हुक्का बार संचालक ने अधिवक्ता अंकुर अग्रवाल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि इससे पूर्व भी दो बार रायपुर में हुक्का बार बंद कराया गया था। प्रदेश में हुक्का बार बंद कराने कोई कानून नहीं होने से हाईकोर्ट ने बार बंद कराने का आदेश को निरस्त किया है। जस्टिस आरसीएस सामन्त ने हाईकोर्ट के पूर्व के आदेश के पालन में सरकार के हुक्का बार बंद कराने के आदेश पर रोक लगाई है। कोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पहले भी हाईकोर्ट में लगी थी याचिका
रायपुर में इससे पहले भी बार बंद करने का आदेश दिया गया था. अब तक इसे बंद करने का कोई कानून नहीं बना है। पूर्व में भी हाईकोर्ट में जस्टिस प्रशांत मिश्र और जस्टिस पी सेम कोशी ने इस आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी राज्य शासन की ओर से हुक्का बार संचालकों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जा रही थी।
बार संचालक स्टे ले सकते हैं
वकील अंकुर अग्रवाल ने कहा कि आमतौर पर हाईकोर्ट के आदेश का पालन करना राज्य शासन की जिम्मेदारी है। हाईकोर्ट का यह आदेश याचिकाकर्ता बार संचालकों पर लागू होगा, लेकिन इस आदेश के आधार पर प्रदेश के अन्य हुक्का बार संचालक भी हाईकोर्ट से स्टे ले सकते हैं।
दस दिन पहले सीएम ने कही थी बड़ी बात
कैबिनेट की बैठक में पिछली सोमवार को राहत के बड़े फैसले किए गए थे । छत्तीसगढ़ में हुक्का बार पूरी तरह बंद होगा। प्रतिबंध के बाद हुक्का बार चलाने पर 50 हजार का जुर्माना लगेगा। 50 प्रतिशत की क्षमता के साथ खुलने वाले स्कूल अब सभी बच्चों के साथ रोज खुलेंगे। इधर, पेट्रोल पर एक फीसदी और डीजल पर दो फीसदी वैल्यू एडेट टैक्स की कटौती की गई है। इससे पेट्रोल 78 पैसे और डीजल 1.47 रुपए सस्ता होगा। धान खरीदी 1 दिसंबर से होगी। इस वर्ष 1 करोड़ पांच लाख टन धान खरीदी की जाएगी।