शनिवार सुबह रमेश सामान खरीदने जूनापारा चला गया। करीब 8 बजे बबली ने पिता अशोक को मोबाइल पर कॉल कर ससुराल से मायके ले जाने की बात कही। नहीं ले जाने पर उसने दोबारा उसे नहीं देख पाने की बात कही। पिता ने उसे रविवार को आकर ले जाने का आश्वासन दिया था। बबली अपने कमरे में गई और फांसी लगा ली।
करीब साढ़े 8 बजे रमेश घर पहुंचा। दरवाजा अंदर से बंद होने पर उसने बबली को आवाज लगाई। अंदर से जवाब नहीं मिलने पर उसने दरवाजा तोड़ा। अंदर फांसी पर बबली फंदे पर लटक रही थी। फंदा काटकर रमेश अपने मित्र के साथ बाइक से बबली को लोरमी स्थित निजी अस्पताल लेकर गया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले में पुलिस ने मर्ग कायम किया।
पुलिस से बबली के पिता अशोक पांडेय व मां शकुंतला बाई ने रमेश और रानी बाई की प्रताड़ना से तंग आकर बबली के खुदकुशी करने का आवेदन देते हुए कार्रवाई की मांग की। पुलिस मां-बेटे के खिलाफ धारा 304(बी), 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।