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बिलासपुर

सावन के हर सोमवार को ऐतिहासिक फैसले ले रही मोदी सरकार, 90 वे के दशक में हुई बर्बरता का दर्द कश्मीरी ब्राह्मण बुजुर्ग महिला से सुनिए

Kashmiri Brahmin’s reaction: इतने मजबूर थे हम कि कुछ मकान अलगाववादियों ने कब्जा कर लिए, कुछ उन्हें अनुदान में देकर आ गए थे(Modi removed article 370 from kashmir)

बिलासपुरAug 05, 2019 / 05:40 pm

Murari Soni

Kashmiri Brahmin's reaction: Modi removed article 370 from kashmir

सावन के हर सोमवार को एतिहासिक फैसले ले रही मोदी सरकार, 90वे के दशक में हुई बर्बरताा का दर्द कश्मीरी ब्राह्मण बुजुर्ग महिला से सुनिए

बिलासपुर. पवित्र सावन माह(sawan mah) में मोदी सरकार सोमवार के सोमवार एतिहासिक फैसले(Kashmiri Brahmin’s reaction)ले रही है। पिछले सप्ताह पहले त्रिपल तलाक(triple talaq) और आज धारा 370 और 35ए को रिमूव(Modi removed Article 370 from kashmir) करने के इस फैसले से देशभर में लोग खुशी मना रहे हैं। आज के इस मौके पर सबसे ज्यादा खुशी उन कश्मीरी पंडितों के परिवारों के चेहरे पर दिख रही है, जिन्होंने 90वे के दशक में अलगाववादियों के जुल्म सहे और उन्हें कश्मीर से घर परिवार छोड़कर आना पड़ा। ऐसा ही एक परिवार बिलासपुर में भी निवास करता है।
बुजुर्ग महिला श्रीमती आभा बतातीं हैं कि उस समय अलगाव वादियों ने हमे और ब्रम्हाण परिवारों को पहले भयभीत किया। ट्र्रकों में लोग आए और परिवार को तितर-वितर कर दिया। जैसे तैसे पंडित वहां से अपनी जान बचाकर भागे। 90 के हालात बेहद नाजुक थे, आज धारा 370 हटने से उम्मीद बनी है, जो कश्मीरी पंडित कल तक सोचते थे कि आने वाले 2 से 3 सालों में उनका अस्तित्व खत्म हो जाएगा, वो सिर्फ इतिहास के पन्नों के किस्से रह जाएंगे।
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लेकिन मोदी सरकार ने धारा 370 हटाकर(Modi removed article 370 from kashmir) फिर एक उम्मीद बांधी है, कि ये कश्मीर पंडित का समाज फिर से हरा भरा होगा। उस समय हमारे मकान थे उन पर 50 प्रतिशत मकानों पर कब्जा कर लिया गया। जो बचे उन्हें धीरे-धीरे अनुदान में बेच दिया गया। वहीं उनकी बेटी रश्मि ने कहा कश्मीरी पंडितों(Kashmiri Brahmin’s reaction)की हमने अपने बुजुर्गों से दर्दनाक कहानी सुनी है। कैसे वे करोड़ो की प्रोपर्टी छोड़कर सड़कों पर आ गए थे। लेकिन वे खड़े हुए और संघर्ष किया।
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