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बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के ये हैं 10 ऐसे गांव जहां पर कोरोना लोगों को छू भी नहीं सका

Coronavirus Cases in Village: छत्तीसगढ़ सहित पूरा देश कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझ रहा है, लेकिन बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में पड़ने वाले 10 गांव ऐसे हैं जहां पर कोरोना लोगों को छू भी नहीं सका।

बिलासपुरMay 11, 2021 / 10:58 am

Ashish Gupta

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ग्राम जग्गाकपुरा में सोशल डिस्टेसिंग और मास्क का पालन करते ग्रामीण।

बिलासपुर/गणेश विश्वकर्मा. छत्तीसगढ़ सहित पूरा देश कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझ रहा है, लेकिन प्रदेश के बिलासपुर के 10 गांव की अलग कहानी है। बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में पड़ने वाले 10 गांव ऐसे हैं जहां पर कोरोना लोगों को छू भी नहीं सका। इनमें कुछ गांव तो ऐसे भी हैं जो घने जंगल में बसे हुए हैं और कुछ आदिवासी गांव हैं। ऐसा इसलिए संभव हो सका, क्योंकि लोगों ने जागरूकता दिखाई और अपने गांवों में कड़ाई से कोरोना गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराया। इतना ही नहीं गांवों के कोई ही 45 के पार आयुवर्ग के लोग होंगे जो कोविड वैक्सीनेशन (COVID Vaccination) से रह गए हों। शुरुआत से ही इसे लेकर गंभीर इन गांव वालों ने कोरोना को पूरी तरह से अपने गांवों में नहीं घुसने दिया।

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गांवों में टीकाकरण और भौतिक दूरी बना अस्त्र
जोगीपुर, कुरदूर, लमकेना, मजगवां, मनपहरी, मोहाली, रमदई, रिंगवार और टाटीधार नाम के इन गांवों में किसी बाहरी की एंट्री नहीं हो पाती। यहां के लोगों ने तय किया कि कोई भी व्यक्ति टीकाकरण से नहीं छूटना चाहिए। कोई आयोजन नहीं होंगे। कोई भी भौतिक दूरी का उल्लंघन नहीं करेगा। इन सबका ही नतीजा है कि इन गांवों में संक्रमण झांक भी नहीं सका।

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[typography_font:14pt;” >संक्रमण से दस पंचायतें अछूते
कोटा एसडीएम टीआर भारद्वाज ने कहा, जनपद पंचायत कोटा के 10 गांव कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से मुक्त पाए गए हैं। यहां के ग्रामीणों ने स्वस्फूर्त कोरोना गाइडलाइंस का पालन सुनिश्चित किया और 45 पार आयुवर्ग में टीकाकरण सौ फीसद करवाया। प्रशासन इन गांव वालों के लिए 18 पार आयुवर्ग में टीकाकरण में पूरा सहयोग करेगा।

हमें सीखना चाहिए
आदिवासी अंचल के इन पहाड़ी गांवों से हमें सीखना चाहिए। यहां के लोगों की बीमारी को लेकर दिखाई गई जागरूकता प्रेरक है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं समाज का अधिक दायित्व है। प्रशासन को चाहिए, इन ग्रामीणों को इस कड़ाई के लिए सम्मानित करे और हो सके तो 18 प्लस आयुवर्ग वाला टीकाकरण विशेष कैंप लगाकर करवाए।

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