रोजाना हजारों गैलन पानी बेच रहीं मिनरल वाटर कंपनियां, प्रतिबंध सिर्फ किसानों पर
भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने किसानों के लिए बिना परमिशन बोर कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है
बिलासपुर. भू-जल स्तर लगातार गिर रहा है। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने किसानों के लिए बिना परमिशन बोर कराने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन प्रशासन उन वाटर बॉटल पैकेजिंग कंपनियों पर लगाम नहीं कस पा रहा है, जो रोजाना हजारों गैलन पानी जमीन के भीतर से निकालकर उसे बोतल में पैक करके मिनरल वाटर के नाम पर बेचकर करोड़ों रुपए का मुनाफा कमा रही हैं। चौकाने वाली बात यह भी है कि जिले में पांच कंपनियां मिनरल वाटर बेचने का कारोबार कर रही हैं। इनमें एक भी ने अब तक संबंधित विभाग को जलकर का भुगतान नहीं किया है।
औद्योगिक क्षेत्र सिगगिट्टी से लेकर मुंगेली नाका चौक, सरकंडा सहित अन्य इलाकों में पांच कंपनियां भू गर्भ से जल निकलाकर उसे बोतल में पैककर मिनरल वाटर के नाम पर बेचने का कार्य करती हैं। सभी कंपनियों को मिलाकर रोजाना करोड़ों लीटर पानी का दोहन किया जाता है। उसे प्लास्टिक की बॉटल में भरकर 15-20 रुपए में बेचा जा रहा है। गर्मी के मौसम में यह व्यापार काफी फलता फूलता है। हालत यह रहती है कि शहर में कई जगहों पर प्लास्टिक की बॉटलों के ढेर नजर आने लगते हैं। यह जानते हुए भी कि ये कंपनियां भू गर्भ जल स्तर को कम करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी खराब कर रही हैं, प्रशासन उन पर कार्रवाई नहीं करता। इसके बजाए उन किसानों पर नए बोर करने के लिए रोक लगाई गई है, जो अन्न उत्पादन करते हैं। कलेक्टर अंबलगन पी ने शुक्रवार को आदेश जारी किया है कि नए बोर कराने से पहले उनकी इजाजत लेना जरूरी है।
एडीएम ने संबंधित विभाग से मांगी जानकारी
पत्रिका ने जब इस बारे में एडिशनल कलेक्टर केडी कुंजाम से बात की तो उन्होंने तुरंत संबंधित विभाग से जानकारी मांगी। यह पूछा कि पानी बेचने वाली कंपनियों ने किस विभाग से अनुमति ली है, और वे रोजाना कितने लीटर पानी का दोहन कर रहे हैं। केडी कुंजाम का कहना है कि यदि इन कंपनियों द्वारा अधिक पानी को दोहन करना पाया गया तो उन पर रोक लगाई जाएगी।
किसान नहीं कर पाएंगे खेतों में सिंचाई
इस बार किसानों को सिंचाई के लिए पानी मुहैया कराने वाला जल संसाधन विभाग भी अपने हाथ खड़े कर चुका है। वर्तमान में खूंटा घाट से लेकर मनियारी, घोंघा आदि सभी जलाशयों में पानी स्टोरेज क्षमता से नीचे जा चुका है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस बार गर्मी में ङ्क्षसचाई व तलाब भराव के लिए पानी नहीं दे पाएंगे।
अरबों रुपए बकाया
जल संसाधन विभाग के मुताबिक उन्होंने सभी मिनरल व वाटर पैकेजिंग कंपनियों को नोटिस जारी कर जलकर का भुगतान करने के लिए कहा है, लेकिन कंपनियों ने भुगतान नहीं किया है। इससे उन पर अरबों रुपए का जलकर बकाया है। सबसे अधिक जलकर रेलवे को अदा करना है। रेलवे ने 26 साल से कोई जल कर अदा नहीं किया है। जल संसाधन विभाग का कहना है कि रेलवे से उसे 50 करोड़ से अधिक जलकर वसूल करना है।
मिनलर वाटर विक्रेता कंपनियां किसकी अनुमति से यह कार्य कर रही हैं और रोजाना कितना जल दोहन कर रही हैं। यह जानकारी संबंधित विभागों से ली जा रही है। यदि मानक क्षमता से अधिक जल दोहन पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– केडी कुंजाम, एडिशनल कलेक्टर, बिलासपुर