अयाज ने परिजनों को बताया कि सुबह साढ़े 7 बजे 3 युवक मुंह में कपड़ा ढूंसकर 3 युवक कार में बैठाकर ले गए थे। उसे कहां लेजा रहे थे इसकी जानकारी उसे नहीं थी। 15-20 मिनट के बाद सुनसान जगह पर उसके चेहरे से नकाब हटाया गया तो वह एक निर्माणाधीन मकान में था। आरोपी उसे पकड़कर रखे थे। 5 घंटे तक युवक उसे निगरानी में रखे थे। इसी बीच 2 युवक मकान से बाहर निकले। मौका पाते ही तीसरे युवक का हाथ काटकर वह निर्माणाधीन मकान से बाहर निकला। पीछे दौड़ते हुए युवक उसके पास पहुंचा तो पास रखे टॉइल्स उठाकर उसने युवक को मारा। इसके बादवह खेत के रास्ते मुंगेली रोड पर पहुंचा। यहां से एक साइकिल वाले से लिफ्ट मांगकर विवेकानंद उद्यान तक पहुंचा। यहां से दौड़ते हुए मकान के पीछे रहने वाले हबीब के घर में घुसा और छत के रास्ते अपने घर की छत कूदकर घर पहुंचा। उसने बताया कि अपहरण करने वाले उसका पीछा कर रहे थे।
परिजन अयाज को लेकर कोतवाली थाना पहुंचे। यहां अयाज ने पुलिस को घटना की जानकारी दी। अपहरण की कहानी सुनकर पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने अयाज को लेकर मंगला स्थित निर्माणाधीन मकान तक पहुंचे, लेकिन वहां पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। देर शाम तक पुलिस आरोपियों का सुराग नहीं लगा पाई थी।
जानकारी के अनुसार अयाज के पिता मिर्जा वसीम बाइक मैकेनिक हैं। अयाज के अपहरण के करीब 4घंटे बाद भी उनके पास फिरौती के लिए कोई कॉल नहीं आया था। लिहाजा वसीम को बेटे का अपहरण होने की कोई आशंका नहीं थी। वसीम के अनुसार उनकी किसी से दुश्मनी नहीं है और न ही उनका किसी के विवाद से लेना देना है।