पिछले पांच साल से सिम्स में दोनों मशीन लाने की कवायद चल रही थी। लेकिन खरीदी की प्रक्रिया विभागीय दावपेंच में फंसी रही। वहीं वर्ष 2020 की शुरुआत में एसईसीएल प्रबंधन ने अपने सीएसआर मद से दोनों मशीन खरीदने के लिए 22 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध करा दी। इसके बाद जेम पोर्टल के माध्यम से खरीदी प्रक्रिया पूरी करते हुए अक्टूबर में दोनों मशीन सिम्स लाई गई।
इसके बाद रेडियोलाजी डिपार्टमेंट में बनाए गए विशेष कक्ष में दोनों मशीन को स्थापित करने का काम शुरू किया गया। आस्ट्रेलिया के साथ विप्रो कंपनी के इंजीनियर इसे स्थापित करने में जुटे रहे। वहीं अब सिम्स प्रबंधन ने जानकारी दी है कि दोनों मशीनों को कक्ष में स्थापित कर दिया गया है।
मौजूदा स्थिति में काम अंतिम चरण में है। इसके बाद टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सिम्स प्रबंधन के मुताबिक सब कुछ सही चला तो दिसंबर से दोनों मशीनों की सुविधा मरीजों को मिलने लगेगी। सिम्स में सीटी स्कैन और एमआरआइ मशीन नहीं होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। मरीज निजी सेंटर से अधिक दर पर दोनों जांच कराने कराते हैं।
दोनों मशीन को स्थापित करने का काम तेजी से चल रहा है। सब कुछ ठीक रहा तो दिसम्बर के पहले सप्ताह से जांच शुरू कर दी जाएगी।
–पुनीत भारद्वाज, अस्पताल अधीक्षक, सिम्स