नगर निगम ने बिजली विभाग से अपने कार्यालयों के साथ-साथ उद्यानों, तरण पुष्कर, पंप हाउसों, पानी की टंकियों, स्ट्रीट लाइट, सामुदायिक भवनों, शुलभ शौचालयों और भवनों को मिलकाकर करीब 350 से अधिक विद्युत कनेक्शन ले रखा है। इन भवनों में बिजली का उपयोग लगातार कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। शासकीय कार्यालय होने के कारण नगर निगम विद्युत विभाग को साल में 1 बार बिल का भुगतान करता है। यह परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। नगर निगम कार्यालयों और अन्य भवनों में उपयोग होने वाली बिजली का कोई हिसाब किताब नहीं है। बिजली का उपयोग लगातार होता है और बिजली का दुरूपयोग और सदुपयोंग किए जाने की मॉनिटरिंग तक नहीं होगी। नगर निगम ने पिछले 2 वित्तीय वर्षों से नगर निगम को बिल का भुगतान नहीं किया है। बिल की राशि 50 करोड़ के पार हो गई है।
बिल को देखते हुए अधिकारी आए सकते में
नगर निगम को बिजली विभाग से भेजे गए 50 करोड़ से अधिक की राशि के बिल को देखकर नगर निगम अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। अधिकारियों ने भुगतान की जांच की तो पता चला कि नगर निगम से वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में बिजली बिल का भुगतान ही नहीं किया गया है, जिससे बिजली बिल की राशि बढ़ गई है।
नगर निगम को बिजली विभाग से भेजे गए 50 करोड़ से अधिक की राशि के बिल को देखकर नगर निगम अधिकारियों के होश उड़ गए हैं। अधिकारियों ने भुगतान की जांच की तो पता चला कि नगर निगम से वित्तीय वर्ष 2019-20 और 2020-21 में बिजली बिल का भुगतान ही नहीं किया गया है, जिससे बिजली बिल की राशि बढ़ गई है।
पहले भी हो चुके हैं दोनों विभाग आमने सामने
नगर निगम में वर्ष 2012 में बिली बिल के भुगतान को लेकर हुए विवाद पर दोनों विभाग आमने सामने हो चुके हैं। नगर निगम को बिली विभाग ने करोड़ों के बिल का भुगतान करने का दबाव बनाया था , जिसके जवाब में नगर निगम ने बिजली विभाग को नगर निगम की जमीन पर खंभे और ट्रांसफार्मर लगाने पर टैक्स के भुगतान का नोटिस भेजा था।
नगर निगम में वर्ष 2012 में बिली बिल के भुगतान को लेकर हुए विवाद पर दोनों विभाग आमने सामने हो चुके हैं। नगर निगम को बिली विभाग ने करोड़ों के बिल का भुगतान करने का दबाव बनाया था , जिसके जवाब में नगर निगम ने बिजली विभाग को नगर निगम की जमीन पर खंभे और ट्रांसफार्मर लगाने पर टैक्स के भुगतान का नोटिस भेजा था।
बिजली के बिल का भुगतान नहीं पिछले कुछ वर्षों से नहीं हुआ है। नगर निगम में करीब 250 विद्युत मीटर हैं। बिजली बिल आने के बाद मीटरों के बंद होने, बिल में एवरेज बिल और अन्य बिन्दुओंपर पड़ताल शुरू की गई है। बिल को वेरीफाई किया जा रहा है। एवरेज बिल होगा तो कम कराया जाएगा। विकास कार्यों के लिए मिलने वाली राशि को अलग रखकर निगम को कम से कम अपने खर्च खुद उठाने वाला होना चाहिए।
– अजय त्रिपाठी, आयुक्त नगर निगम
– अजय त्रिपाठी, आयुक्त नगर निगम