जिसकी रिपोर्ट को मंजूरी के बाद निगम व पालिका चुनाव की नई पद्धति लागू करने की राह आसान हो जाएगी।रहेगा खतराअप्रत्यक्ष चुनाव में अविश्वास प्रस्ताव का खतरा हमेशा बना रहेगा। संख्या बल के आधार पर मेयर या अध्यक्ष का चुनाव होगा ऐसे में गुटीय राजनीति जरा भी हावी हुई तो सरकार गई वाली स्थिति होगी। .क्या कहते है नेता ..
प्रदेश के मुख्यमंत्री महासमुंद व बिलासपुर में मीडिया के सामने बयान दे चुके थे कि महापौर का चुनाव जनता से कराएंगे।
लेकिन अब महापौर का चुनाव पार्षदों से कराने की तैयारी कर रहे हैं यह इस बात का संकेत देती है कि कांग्रेस प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव जीतने के लायक नहीं है। कांग्रेस ऐसा करके जनता से अपने महापौर चुनने के अधिकार को छिना रही है हम इसका विरोध करेगें।
अमर अग्रवाल ,प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव प्रभारी
वर्जन- नगरीय निकाय चुनाव में सीधे निर्वाचन को समाप्त कर पार्षदों को प्रलोभन देकर अपने महापौर अध्यक्ष चुना जाएगा। जनता का अधिकार छीनना सरासर अलोकतांत्रिक है। इससे साफ हो गया है कि जनता कांग्रेस से उब चुकी है। जनता कांग्रेस मांग करती है दलबदल कानून नगरीय निकाय चुनाव पर भी लागू किया जाए।
अमित जोगी ,पूर्व विधायक मरवाही
नगरीय निकाय चुनाव के लिए अभी केवल टीम गठित हुई है। फायनल नहीं हुआ है। रही बात भाजपा की तो प्रदेश से उनका जनाधार खत्म होते जा रहा है यह दंतेवाड़ा के चुनाव से स्पष्ट हो गया है। प्रदेश की नगरीय निकाय चुनाव कांग्रेस जीत रही है, हम नहीं भाजपा घबरा रही है।
शिव डहरिया नगरीय प्रशासन मंत्री